पटना की रैली में उठी नीतीश कुमार के बेटे निशांत की मांग, सीएम को लेकर क्या बोले कुर्मी समाज के लोग?
Nitish Kumar: कुर्मी एकता रैली में आए लोगों ने कहा कि अगर नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार नेता बनना चाहते हैं और राजनीति में आते हैं, तो पूरा समाज उनको सपोर्ट करेगा.

Kurmi Ekta Rally: एनडीए नेताओं की ओर से पटना के मिलर स्कूल मैदान में कुर्मी एकता रैली का आयोजन गया. इस रैली मैं काफी संख्या में कुर्मी एवं कुर्मी की उपजातियों के लोग उपस्थित हुए. इस रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपस्थित नहीं हुए, लेकिन मिलर स्कूल मैदान के आस-पास पोस्टर बैनर से पटे हुए थे और लगभग सभी पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का चेहरा लगाया गया था.
विधायक कृष्ण कुमार मंटू ने किया रैली का आयोजन
हालांकि इस कार्यक्रम को के मुख्य आयोजक बीजेपी के अमनौर विधायक कृष्ण कुमार मंटू पटेल थे, जबकि दूसरे मुख्य आयोजक में जेडीयू के पूर्व विधान परिषद वाल्मीकि सिंह देख-रेख कर रहे थे. कहा गया कि इस कार्यक्रम में राजनीतिक बैनर नहीं रहेगा, लेकिन देखा गया कि कहीं ना कहीं पर्दे के पीछे नीतीश कुमार और उनके बेटे को प्रमोट करने की बात इस रैली में की गई.
रैली में आए लोगों ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि 31 साल पहले 12 फरवरी 1994 में जो रैली हुई थी, वह रैली काफी ऐतिहासिक थी. उस वक्त नीतीश कुमार का बिहार की राजनीति में पदार्पण हुआ था और वह कुछ साल बाद बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. हम लोगों को गर्व हुआ कि हमारे जाति से बिहार के मुखिया बना, लेकिन अब नीतीश कुमार अस्वस्थ हो चुके हैं उनके विकल्प के रूप में कोई होना चाहिए.
वहीं कुछ लोगों ने कहा कि अभी देखा जा रहा है कि विधायक, एमपी या अन्य पदों पर कुर्मी की संख्या पहले की अपेक्षा कम गई है. उसकी वजह है कि नीतीश कुमार कहीं ना कहीं अब पहले की तरह सक्रीय नहीं रहे हैं. इसलिए अब उनके जगह पर कोई नया चेहरा लाने की जरूरत है. इसलिए कुर्मी को एकजुट होना पड़ेगा और उसी के लिए यह रैली जरूरी है.
जब उनसे पूछा गया कि नया चेहरा कौन होगा? तो सभी लोगो ने कहा कि अगर नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार नेता बनना चाहते हैं और राजनीति में आते हैं, तो पूरा समाज उनको सपोर्ट करेगा. हम लोग चाहते हैं कि युवा चेहरा हैं नया चेहरा हैं. वह आएं और अपने पिताजी की राजनीति विरासत के रूप में संभाले.
लोगों ने कहा कि हमारी जाति का मुखिया फिर से कोई कुर्मी ही बने. हम लोग यही चाहते हैं कि हमारी जाति का मुख्यमंत्री रहे. जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष कह रहा है कि राजा का बेटा राजा नहीं होगा. इस पर कुर्मी समाज के लोगों ने कहा कि जब किसान का बेटा किसान बन सकता है, नाई का बेटा नाई बन सकता है तो मुख्यमंत्री का बेटा मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता है.
'यह एकजुटता रैली बहुत जरूरी थी'
कुर्मी समाज के लोगों ने कहा कि देश में यह नया नहीं हो रहा है. इससे पहले भी होता रहे हैं और आगे भी होता रहेगा. निशांत पढ़ा लिखा समझदार लड़का है. हम लोग की यही चाहत है कि निशांत कुमार आगे आए. अगर निशांत कुमार आगे नहीं आते हैं तो हम लोग फिर विचार विमर्श करेंगे कि नीतीश कुमार के बाद कौन हम लोगों की जाति का नेता बन सकता है. इसलिए यह एकजुटता रैली बहुत जरूरी थी.
ये भी पढे़ंः 'सरकार से अपराध और भ्रष्टाचार की बू...', तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर वार, असली तस्वीर देखना नहीं चाहते
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
