NEET Paper Leak:'नीट एग्जाम के दिन NTA का डिजिटल लॉक फेल हो गया था, तब...', Oasis School के प्रिंसिपल ने खोले कई राज
EOU Enquiry: एहसानुल हक ने बताया कि 5 मई को नीट परीक्षा के दिन डिजिटल लॉक को स्वंय खुलना था, लेकिन किसी भी सेंटर पर डिजिटल लॉक न बीप किया न खुला. तब जाकर उसे काटना पड़ा.
NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक मामले की जांच अब सीबीआई के हाथों में आ गई है, लेकिन बिहार की ईओयू की टीम भी इसकी जांच में अपने स्तर से लगातार जुटी हुई है. ईओयू की टीम झारखंड भी पहुंची, जहां से पेपर लीक के तार जुड़े हुए हैं. ईओयू की टीम ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और नीट परीक्षा के जिला समन्वयक डॉ एहसानुल हक से बातचीत की. इसके बाद डॉ एहसानुल हक ने एबीपी से हुई बातचीत में बताया कि ईओयू ने उनसे आखिर क्या कुछ पूछा? उन्होंने कहा कि ओईयू की टीम ने पटना से आकर उनसे यह पूछा कि जिस ट्रंक में प्रश्न पत्र था उसके डिजिटल लॉक को आरी से क्यों काटा गया?
डिजिटल लॉक को लेकर बताई ये बात
जवाब में एहसानुल हक ने बताया कि 5 मई को नीट परीक्षा 2 बजे से दोपहर में थी. दोपहर 1:15 बजे डिजिटल लॉक को स्वंय खुलना था. वह बीप करता है. उसके बाद खुद खुल जाता है, लेकिन किसी भी सेंटर पर डिजिटल लॉक न बीप किया न ही खुला. हमलोगों ने कुछ देर इंतजार किया यह सोचते हुए कि हो सकता है कुछ देर में ये बीप करके खुद खुल जाएगा, लेकिन नहीं खुला. इसके तुरंत बाद हमलोगों ने एनटीए को इसकी सूचना दी. तब एनटीए ने कहा कि डिजिटल लॉक फेल कर गया है. प्रश्न पत्र वाले ट्रक का नॉर्मल लॉक जिस हेक्सा ब्लेड से काटे हैं उससे ही उस ट्रंक का डिजिटल लॉक काट दीजिए.
इसके बाद डिजिटल लॉक को उनलोगों ने हेक्सा ब्लेड से काट दिया. नीट परीक्षा के दिन मैं व कई जिलों के जिला समन्वयक ऑन लाइन एनटीए से जुड़े थे. लगभग सभी जिला समन्वयकों ने एनटीए से शिकायत की थी कि डिजिटल लॉक नहीं खुल रहा. हजारीबाग में पांच परीक्षा केंद्रों पर नीट परीक्षा हुई थी. पांचों सेंटर पर डिजिटल लॉक नहीं खुल रहा था बीप करके खुद से. हजारीबाग में पांचों सेंटरों पर हेक्सा ब्लेड से डिजिटल लॉक काटे गए थे. इसके लिए उनकी एनटीए की सीनियर डायरेक्टर साधना परासर से बात हुई थी.
कई सेंटरों पर नहीं खुला था लॉक
जब डिजिटल लॉक नहीं खुल रहा था तो सबसे पहले एनटीए में हमने हमारे कॉन्टेक्स्ट पर्सन राकेश को कॉल किया था, लेकिन उनका नंबर बिजी था. तब एनटीए में उन्होंने अलका जी को कॉल किया उनसे भी बातचीत नहीं हो पाई. तब साधना परासर को कॉल कर बात किए. डिजिटल लॉक कई सेंटरों पर नहीं खुल रहा था. इसको लेकर कई सिटी समन्वयक से डॉ एहसानुल हक की बात हुई थी. नाम उनको याद नहीं है उन लोगों का.
पटना पुलिस को जले हुए प्रश्न पत्र मिले थे, जिसमें बुकलेट नंबर लिखा है. वह इसी ओएसिस स्कूल का है. मैंने यहां उपस्थिति चेक किया व पता चला कि उस बुकलेट नंबर पर एक बच्ची ने यहां एग्जाम दिया था. मेरे सेंटर से परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक नहीं हुआ है. सभी एसओपी का पालन हमने किया. जिन लोगों के सामने प्रश्न पत्र खुलना चाहिए नियम के अनुसार उनके सामने प्रश्न पत्र खोला गया. जिसमें नीट अभ्यर्थी भी थे. एनटीए भी कैमरे से निगरानी करता रहता है. परीक्षा के लिए सुबह साढ़े आठ बजे यहां सेंटर पर आ गया था प्रश्न पत्र.
ब्लू डॉट कूरियर सीधा बैंक क्यों नहीं पहुचा?
ईओयू की टीम के साथ में ब्लू डॉट कूरियर के ऑफिस एवं एसबीआई बैंक गया था. ईओयू को कूरियर वाले कह रहे थे उस समय की प्रश्न पत्र विक्रेता वाहन (नेटवर्क वाहन) पर रांची से हजारीबाग तक लाए गए थे और उस वाहन को केवल एक चालक चला रहा था. उसके साथ कोई अन्य व्यक्ति नहीं था. इसके बाद प्रश्न पत्र वाले बॉक्स को ब्लू डॉट कूरियर के हजारीबाग कार्यालय में रख दिया गया.
ईओयू ने कूरियर वालों से पूछा कि प्रश्न पत्र वाली गाड़ी सीधा हजारीबाग में बैंक क्यों नहीं गई? ब्लू डार्ट कूरियर ऑफिस क्यों प्रश्न पत्र लाया गया? ब्लू डार्ट कूरियर कार्यालय से ई रिक्शा पर बैंक क्यों प्रश्न पत्र ले जाया गया? इस पर कुरियर वालों ने कहा कि ड्राइवर बैंक जाने को तैयार नहीं था. ईओयू के अधिकारियों ने तब डांटा भी था. ई रिक्शा के चालक का नाम पता ईओयू वाले पूछ रहे थे, लेकिन कूरियर वालों ने नहीं बताया यह कहते हुए की जानकारी नहीं है. ब्लू डार्ट कूरियर ऑफिस से SBI बैंक की दूरी करीब डेढ़ किलोमीटर है. परीक्षा का प्रश्न पत्र ई रिक्शा से कूरियर ऑफिस से बैंक ले जाने में करीब डेढ़ घंटे लग गए थे.
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