Dead Body In Buxar Sadar Hospital: बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था सुदृढ़ करने को लेकर भले ही राज्य सरकार मिशन 60 और मिशन क्वालिटी या फिर कोई भी मिशन चला ले, स्थिति सुधरने वाली नहीं है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि राज्य सरकार के आंकड़ों में अव्वल दर्जा प्राप्त कर चुके बक्सर सदर अस्पताल की हालत बता रही है, जहां मानवता को शर्मसार करते हुए 24 घंटे से मृत महिला के शव के बीच जिंदा इंसानों का इलाज हो रहा है.


इलाज के दौरान हुई थी महिला की मौत


बक्सर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मंगलवार शाम 7 बजे एक महिला को इलाज के लिए लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत करीब 11 बजे रात में हो गई. जिसका शव पूरे दिन सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पड़ा रहा. जब इस बात की भनक बुधवार को मीडिया को लगी तो 10 बजे रात में मीडिया के पहुंचने पर शव वहीं पड़ा हुआ था, जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं था. इस दौरान इस वार्ड में अन्य मरीजों का भी इलाज किया जा रहा था. लेकिन मृत महिला के शव के मामले में किसी ने संज्ञान नहीं लिया.


इस मामले को लेकर इलाज कराने आए मरीजों ने बताया कि हम लोग 5 बजे शाम से इलाज कराने आए हैं, जहां जानकारी मिली कि इस महिला का शव कल से ही पड़ा हुआ है. शव से दुर्गंध भी आने लगी है. इस मामले में अस्पताल के कर्मी पूरी तरह जिम्मेदार हैं. इस अस्पताल में हम लोगों के साथ भी जांच के नाम पर बाहर से जांच कराया गया. सीटी स्कैन के लिए ज्यादा पैसा का डिमांड किया जा रहा है. यहां पर पूरी तरह लापरवाही बरती जा रही है.


मामले को लेकर सदर अस्पताल में मौजूद ऑन ड्यूटी चिकित्सक निशांत चौबे ने बताया कि महिला कल 7 बजे से आई हुई थी, जिसकी मौत इलाज के दौरान हुई है. इसके बाद शव अस्पताल में पड़ा हुआ है. मैं 8 बजे शाम को ड्यूटी पर आया तो इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी. 


ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने यह भी कहा कि इमरजेंसी वार्ड में जब मैं इलाज कर रहा था तो महिला का शव उसी में पड़ा हुआ था. हमारे पास जो भी संसाधन है, उसी में हमको काम करना है. पुलिस को सूचना दे दी गई है, ताकि पंचनामा करें और शव को यहां से ले जाएं. हम लोग लगातार पुलिस के कांटेक्ट में हैं. इस मामले को लेकर जब सिविल सर्जन सुरेश चंद्र सिन्हा से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लोग लगातार नगर थाना को सूचना दे रहे हैं, जो शव अभी तक पुलिस नहीं ले गई है.


24 घंटे तक शव क्यों पड़ा रहा?


बहरहाल बुधवार देर रात करीब 11:00 बजे तक महिला का शव इमरजेंसी वार्ड में ही पड़ा हुआ था. जहां जिंदा इंसानों का इलाज भी किया जा रहा है. जब अस्पताल प्रशासन को मीडिया के बारे में जानकारी मिली तो शव हटाने के लिए कागजी कार्रवाई में जुटे हुए थे. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि जिले का इकलौता सदर अस्पताल, जहां अस्पताल परिसर में ही सिविल सर्जन के अलावे अन्य बड़े अधिकारी भी रहते हैं.


ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि 24 घंटे से शव क्यों पड़ा हुआ है. इस दौरान डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक लगातार ड्यूटी पर भी तैनात हैं. फिर भी जिले के सबसे बड़े अस्पताल में इस तरह की बड़ी लापरवाही को देखकर ऐसा लगता है कि अस्पताल कर्मी लापरवाही के साथ-साथ बेलगाम भी हो गए हैं, जहां मानवता शर्मसार हो रही है.


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