बिहार: स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही ने ली मरीज की जान, शिकायत करने पर मृतक के बेटे को भी पीटा
मृतक के बेटे रोहित ने बताया कि पहले भी जब वह मरीज को वार्ड में भर्ती करने गया था, तो उसने मरीज की देखभाल करने के लिए वहां मौजूद कर्मी को 500 रुपये दिए थे. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिस वजह से मरीज की मौत हो गई.
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गया: बिहार गया जिले में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से कोविड वार्ड में भर्ती मरीज की मौत हो गई. मामला जिले कोविड डेडिकेटेड अस्पताल एएनएमसीएच के मदर चाइल्ड अस्पताल की है, जहां मौजूदा समय में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. मिली जानकारी अनुसार गया के छोटकी नवादा के रहने वाले रामचन्द्र राम को बीते दिनों सांस लेने और फेफड़े में दर्द की समस्या हुई थी. ऐसे में उनके परिजन उन्हें लेकर एएनएमसीएच पहुंचे.
मरीज ने परिजनों को फोन कर दी थी जानकारी
अस्पताल में रैपिड एंटीजन किट से मरीज की कोरोना जांच की गई, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई. ऐसे में उन्हें एमसीएच के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया. सोमवार की देर शाम भर्ती मरीज अपने परिजनों को फोन कर ये जानकारी दी कि उसे चढ़ाया जा रहा स्लाइन खत्म हो गया है. ऐसे में परिजनों ने अस्पताल कर्मियों की इसकी सूचना दी.
गार्ड ने कोविड वार्ड जाने से रोका
सूचना मिलने के बाद अस्पताल कर्मियों उन्हें कहा कि कोई दिक्कत नहीं होगी. हालांकि, थोड़ी देर के बाद जब वे अस्पताल पहुंचे और मरीज से मिलना चाहा तो गार्ड ने उन्हें रोक दिया. ऐसे में गार्ड को 100 रुपये देकर वो वार्ड के अंदर गए. जहां उन्होंने देखा कि मरीज जमीन पर गिरा पड़ा है और उसकी मौत हो चुकी है.
मृतक के बेटे कही ये बात
मौके पर कोई स्वास्थ्यकर्मी मौजूद नहीं थे, ऐसे में परिजनों ने शव को उठाकर कर बेड पर रखा और पूरे प्रकरण का वीडियो मोबाइल पर बनाने लगे. ये देख गार्ड ने मारपीट कर मृतक के बेटे रोहित कुमार को वार्ड से बाहर निकाल दिया. इस संबंध में रोहित ने बताया कि पहले भी जब वह मरीज को वार्ड में भर्ती करने गया था, तो उसने मरीज की देखभाल करने के लिए वहां मौजूद कर्मी को 500 रुपये दिए थे. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिस वजह से मरीज की मौत हो गई.
इधर, जब इस संबंध में कोरोना वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ. एनके पासवान से बात करने की कोशिश की गई तो फोन पर उन्होंने ये जानकारी दी कि वे घर आ गए हैं.
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