इंडो-नेपाल बॉर्डर पर नेपाली नागरिकों ने किया हंगामा, जमकर की नारेबाजी, जानें- क्या है पूरा मामला?
कोरोना के कारण 23 मार्च को ही दोनों देशों ने बॉर्डर सील कर दिया था. 10 महीने से वाल्मीकिनगर बॉर्डर पर आवाजाही पूरी तरह से बन्द है. लेकिन अब बॉर्डर खोलने हेतु नेपाल में आंदोलन की शुरुआत कर दी गयी है.
बगहा: कोरोना काल में संक्रमण के रोकथाम को लेकर नेपाल सरकार की ओर से इंडो-नेपाल बॉर्डर को सील कर दिया गया था. लेकिन अब भारतीय सीमा पर लगाए गए बैरियर को हटाने और सामान्य रूप से आवाजाही की इजाजत देने को लेकर नेपाली नागरिकों ने आंदोलन की शुरुआत कर दी है. इधर, नेपाल में बगावत का बाद त्रिवेणी-वाल्मीकिनगर बॉर्डर पर भी दबाव बढ़ गया है.
दोनों देशों के रिश्ते पर पड़ रहा असर
नेपाल सरकार के खिलाफ बुधवार को वाल्मीकिनगर गण्डक बराज बॉर्डर के 36 नम्बर पिलर स्थित नेपाली चेकपोस्ट पर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान नेपाली नागरिकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दरअसल, नेपाल के बैरियर न हटाने की वजह से आवाजाही बंद है. इससे दोनों देशों के बीच के रोटी-बेटी के रिश्ते पर सीधा असर पड़ा है. बॉर्डर बन्द होने के कारण तय शादियां भी टूट रही हैं, जिस कारण सीमाई क्षेत्रों के लोग आंदोलन पर उतर आए हैं.
मार्च में ही सील किए गए थे बॉर्डर
बता दें कि कोरोना के कारण 23 मार्च को ही दोनों देशों ने बॉर्डर सील कर दिया था. 10 महीने से वाल्मीकिनगर बॉर्डर पर आवाजाही पूरी तरह से बन्द है. लेकिन अब बॉर्डर खोलने हेतु नेपाल में आंदोलन की शुरुआत कर दी गयी है. इधर, नेपाल में बॉर्डर खोलने को लेकर हो रहे आंदोलन के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी चौकस हैं.
गौरतलब है कि नेपाल और भारत के बीच व्यवसायिक संबंध भी हैं. नेपाल से कई लोग अपने घर की जरूरतों का सामान खरीदने भारत आते-जाते रहते हैं. लेकिन, बॉर्डर बंद होने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गयी. ऐसे में लोग बॉर्डर खोलने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. इधर, नेपाल प्रशासन आंदोलन को लेकर पूरी तरह से चौकस है. वहीं, भारतीय सुरक्षा एजेंसी भी बॉर्डर को सील करके बैठी हुई है.
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