पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के साथ हीं सूबे में नए वित्तिए वर्ष 2021-22 का बजट तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इस बार सरकार का मेन फोकस जहां एक ओर सात निश्चय-2 योजनाओं पर है तो वहीं दूसरी और वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट को लेकर भी अब कवायद शुरू होने लगी है. बजट का प्रारूप कैसा होगा और प्रदेश की योजना आकार कितनी होगी इसे लेकर भी मंथन अब शुरू हो गया है. जानकारों की माने तो वित्त विभाग की ओर से सभी विभागों से वित्तीय वर्ष 2020-21 के शेष बचे महीनों के लिए रिवाइज्ड प्लान की मांग की गई है, साथ ही वर्ष 2021- 22 के लिए संभावित खर्च और आय के स्रोत की जानकारी की भी मांग की गई है. इस संबंध में वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव और सचिव को पत्र भी भेज दिया है. सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में स्थापना की और अन्य जरूरी मद में होने वाले खर्च के ब्यौरेो और विभाग से उनके कार्य योजना की मांग की है. सभी विभागों को इसके लिए सूचित कर दिया गया है कि अगले बजट के लिए समीक्षा बैठक कल से यानी 2 दिसंबर से शुरू होकर अगले 9 दिसंबर तक चलेगी. वित्त विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी है और सभी विभागों को निर्धारित समय पर इसमें शामिल होने का निर्देश भी दे दिया गया है. इस बार के बजट को तैयार करने की पूरी प्रक्रिया कई मायने में मुश्किल होगी क्योंकि कोविड-19 के कारण लगातार राजस्व का जो नुकसान होता आ रहा है और उसको लेकर अब तक टैक्स संग्रह में लगभग 18 फ़ीसदी की गिरावट जो जारी है उसको लेकर इस बार मुश्किल भरा होगी ये वित्तिय योजना.
इस बार ऑनलाइन लिए जाएंगे सुझाव
इस बार कोविड-19 के चलते बजट को तैयार करने के लिए आम लोगों से लेकर सभी क्षेत्रों के खास लोगों से ऑनलाइन ही सुझाव मांगे जाएंगे. पहले अलग-अलग सेक्टर के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर वित्त मंत्री सीधे सुझाव लिया करते थे, लेकिन अब इस बार ऐसा नहीं होगा और लोगों से ऑनलाइन ही सुझाव मांगे जाएंगे सभी सेक्टरों के प्रतिनिधियों से ऑनलाइन ही सुझाव लिया जाएगा. हालांकि व्यवसायी, पंचायती राज, उद्योग विभाग, किसान समेत अन्य सेक्टर से चुनिंदा प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सुझाव लेने पर विचार किया जा रहा है. लेकिन इनमें भी कई तरह की समस्याएं आ रही हैं इस बार सभी सूचनाओं, ईमेल, फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से ही सुझाव मंगवाए जाने की संभावना जताई जा रही है. वित्त विभाग जल्द ही इससे संबंधित आदेश पारित करेगी.
टैक्स संग्रहण पर भी अंतिम रूप से होगी समीक्षा
केंद्रीय स्तर पर टैक्स संग्रहण की स्थिति इस बार अच्छी नहीं है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए इस बार का बजट तैयार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. सबसे बड़ी चुनौती ये होगी कि चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट 2 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से कम नहीं हो. सभी विभागों से बैठक होने के बाद और टैक्स संग्रह की अंतिम रूप से समीक्षा होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि नए वित्तीय वर्ष के बजट की रूपरेखा क्या होगी और इसका आकार क्या होगा.
13 विभागों के साथ बजट पर होगी विस्तार से चर्चा
कल पहले दिन यानि 2 दिसंबर को सहकारिता, बीपीएससी, विधान सभा, विधान परिषद, संसदीय कार्य, ग्रामीण कार्य समेत 13 विभागों के साथ बजट पर चर्चा होगी. 3 दिसंबर को वाणिज्य कर, समाज कल्याण, कृषि विभाग समेत 9 विभागों पर होगी चर्चा, और 4 दिसंबर को गृह विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय, समेत पांच विभागों के लिए समीक्षा बैठक की जाएगी. 7 दिसंबर को परिवहन, ऊर्जा, पंचायती राज विभाग, समेत आठ विभागों पर और 8 दिसंबर को नगर विकास विभाग और 9 दिसंबर को यानी अंतिम दिन स्वास्थ्य एवं शिक्षा समेत बचे हुए तमाम विभागों के साथ समीक्षा बैठक होगी.
पहली बार सीएफएमएस सॉफ्टवेयर से बनेगा बजट
बिहार में पहली बार कॉम्प्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर से बजट को तैयार होना है इसके लिए विभाग ने 5 नवंबर को बजट तैयार करने वाले अधिकारियों का प्रशिक्षण सत्र पूरा कर लिया है. उन्हें जानकारी दी गई कि सीएफएमसी के जरिए कैसे बजट को तैयार किया जाएगा उनमें किन आवश्यक तथ्यों को शामिल किया जाएगा.