औरंगाबाद: जिले के सदर अस्पताल में शुक्रवार की शाम 15 दिन पूर्व जन्म लिए एक नवजात की मौत हो गई. मृत्यु को लेकर परिजनों द्वारा जमकर हंगामा किया गया और बीसीजी टीका लिए जाने के कारण हुई मौत का आरोप लगाया गया. परिजनों ने चिकित्सकों पर भी घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. हालांकि नवजात की मौत के पीछे की वजह टीका है या कुछ और इसकी जांच की जा रही है.


नवजात की मौत के बाद शुक्रवार की रात दस बजे तक सदर अस्पताल परिसर स्थित बच्चा वार्ड के पास परिजनों द्वारा हंगामा किया जाता रहा. जानकारी मिलते ही सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुनील कुमार सदर अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी लेकर जांच की बात कही.


16 फरवरी को हुआ था जन्म


बताया जाता है कि देव थाना क्षेत्र के सिंचाई कॉलोनी स्थित दशवत बिगहा निवासी प्रदीप सिंह की पत्नी गीता देवी ने सदर अस्पताल में 16 फरवरी को एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के जन्म के बाद माइक्रो बैक्टीरियल ट्यूबरक्लोसिस से बचाव के लिए दी जाने वाली बीसीजी के टीके के लिए तीन मार्च को उन्हे बुलाया गया था. परिजनों ने बताया कि चिकित्सकों द्वारा दिए गए निर्धारित समय पर टीका दिलाया गया और बच्चे को लेकर सभी घर चले गए. उधर, टीका दिलाने के बाद जब उसकी तबीयत खराब हुई तो इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया मगर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.


नर्स पर पैसे लेना का भी आरोप


सदर अस्पताल में मृत बच्चे के परिजनों के साथ आए देव के वार्ड पार्षद रणजीत गुप्ता ने सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया. कहा कि बीसीजी टीका दिए जाने के बाद बच्चे को मौत हो गई. उन्होंने बच्चे के जन्म के बाद नर्स द्वारा पैसे लेने का भी आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. इधर, हंगामे की जानकारी मिलते ही युवा कांग्रेस नेता शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान ने कहा कि मामला बेहद चिंतित करने वाली और दुखद है. उन्होंने जिलाधिकारी से इस मामले को संज्ञान में लेकर जांच की मांग की है.


अस्पताल बोला टीके से नहीं होती मौत


हालांकि इस मामले में पूछे जाने पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश कुमार सिंह ने बताया कि पहले तो बीसीजी के टीके लेने से किसी की मौत नहीं होती है. यदि टीके में खराबी रहती तो अन्य बच्चे भी उससे प्रभावित होते, लेकिन फिलहाल ऐसा कोई और मामला सामने नहीं आया है. मामला क्या है यह जांच का विषय है.