पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) शराबबंदी कानून को लेकर काफी गंभीर हैं. साल 2016 में शराबबंदी लागू करने के बाद से ही मुख्यमंत्री लगातार शराबबंदी को सफल बनाने को लेकर कई फैसले लेते रहे हैं. वहीं, कानून के साथ खिलवाड़ करने वालों पर भी लगातार एक्शन लिया जाता रहा है. इसके बावजूद तस्कर अन्य लोगों की संलिप्तता से शराबबंदी कानून को कमजोर करने की कोशिश में लगे हुए हैं. हर रोज कहीं ना कहीं से शराब मिलने की खबर आ ही जाती है.


पंचायती राज विभाग का बड़ा फैसला


अवैध शराब का धंधा करने वाले भी पकड़े जाते हैं. शहरी इलाकों में तो पुलिस शराब तस्करों को पकड़ लेती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में तस्कर दूरी का फायदा उठाकर तस्करी भी करते हैं और पुलिस के आने की भनक लगते ही भाग भी जाते हैं. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में शराब तस्करों पर नकेल कसने के लिए अब पंचायती राज विभाग सरकार की मदद करेगा. पंचायती राज विभाग ने तय कर लिया है कि वो हर पंचायत में लगभग 100 सीसीटीवी कैमरे लगाएगा, ताकि गांव के किसी भी कोने में अपराध के साथ-साथ शराब तस्करी की घटनाओं पर नजर रखी जा सके. वहीं, अपराधियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा सके.


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बिहार में कुल 8471 पंचायत


इस संबंध में पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने कहा कि जैसे ही पंचायत चुनाव खत्म होगी, वैसे ही हर पंचायत में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू हो जाएगा, जो नीतीश सरकार की शराबबंदी कानून को और भी प्रभावी बनाएगा. जाहिर है कि जब सभी पंचायतों में सीसीटीवी कैमरे लग जाएंगे, तब अवैध धंधा करने वाले लोगों पर नजर रखना आसान हो जाएगा. कैमरे की मदद से अपराधियों पर भी नजर रखने में आसानी होगी. बता दें कि बिहार में कुल 8471 पंचायत हैं. हर पंचायत में 100 सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी है, जिसमें लाखों की लागत आएगी. 


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