पटनाः बिहार में मंठ-मंदिरों  के पास 24,180 एकड़ जमीन है लेकिन अधिकर पर स्थानीय लोगों का कब्जा है. सोमवार को विधि मंत्री प्रमोद कुमार (Minister Pramod Kumar) ने विधानसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने इन जमीनों को चिह्नित कर लिया है. भगवान के नाम पर ये जमीन है या नहीं, इसकी छानबीन राजस्व विभाग करेगा. प्रमोद कुमार ने बताया कि राज्य के प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों द्वारा इसकी सूचना दी गई है. वे संजय सरावगी और अन्य के ध्यानाकर्षण के जवाब में यह बोल रहे थे. 


राज्य में 1283 निबंधित व 1509 गैर पंजीकृत मंदिर
प्रमोद कुमार ने कहा कि अभी तक धार्मिक न्यास से संबंधित सभी भूमि की पैमाइश नहीं हो सकी है. रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 1283 निबंधित और 1509 गैर पंजीकृत मंदिर हैं. सभी जिलों से अभी रिपोर्ट नहीं आई है. धार्मिक स्थलों की भूमि की सुरक्षा के लिए प्रमंडलीय स्तर पर और जिलास्तर पर कई बैठकें हो चुकी हैं. 


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मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पारित आदेश देश भर में लागू होता है. कोर्ट के आदेशानुसार राजस्व अभिलेखों में रैयत के कॉलम में केवल भगवान का नाम दर्ज रहेगा. इसको लेकर राजस्व विभाग के मंत्री के साथ समीक्षा बैठक हुई है. इस दौरान एक दूसरे प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इसकी विस्तृत जानकारी राजस्व विभाग दे सकता है.


उन्होंने बताया कि मठ मंदिरों की अतिक्रमित भूमि को लेकर दो चरणों में बैठक हुई है. संबंधित जिला पदाधिकारियों ने जिलास्तर पर जिले के अपर समाहर्ता, राजस्व को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. धार्मिक न्यास की संपत्ति को अवैध कब्जा से मुक्त कराने के लिए न्यायाधिकरण का गठन किया गया है जिससे अतिक्रमण संबंधी वाद को निश्चित किया जा सके. 


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