पटना: बिहार राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को पांच साल से अधिक समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित 64 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त किये जाने को मंजूरी प्रदान कर दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar) की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के एक प्रस्ताव पर इस आशय का निर्णय लिया गया. बर्खास्त किये गए इन डॉक्टरों को अररिया, औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, भोजपुर और दरभंगा सहित विभिन्न जिलों में पदस्थापित किया गया था.


"जवाब के लिए दिए गए थे कई अवसर'


मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि चौसठ गलत चिकित्सा पदाधिकारी जो बिना अनुमति ड्यूटी से अनुपस्थित रहे. उनको सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह कदम उठाने से पहले संबंधित डॉक्टरों को उनकी अनुपस्थिति का कारण स्पष्ट करने के लिए कई अवसर दिए गए लेकिन उन्होंने अपना जवाब प्रस्तुत नहीं किया. इसके बाद ये कार्रवाई की गई है.


तेजस्वी यादव ने दिया था निर्देश


बता दें कि सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में 41 एजेंडों पर मुहर लगी. वहीं, नीतीश कैबिनेट ने अस्पताल में तैनात डॉक्टरों की उपस्थिति को एक बड़ा फैसला लिया गया. लंबे समय से गायब डॉक्टरों पर एक्शन लिया गया है. ऐसे कई डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है. इस कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. वहीं, तेजस्वी यादव स्वास्थ्य विभाग को लेकर काफी एक्टिव हैं. स्वास्थ्य मंत्री बनते ही प्रदेश के सभी जिले के सदर अस्पताल के लिए 'मिशन 60' का टास्क दिए थे. साथ ही डॉक्टरों को कई निर्देश भी दिए थे. वहीं, तेजस्वी यादव ने हाल ही में फिर से स्वास्थ्य विभाग की बैठक की थी.


ये भी पढ़ें: Ramcharitmanas: विवादित बयान पर अड़े चंद्रशेखर, मायावती और अखिलेश यादव को बनाया ढाल? याद दिलाई ये बात