Bihar News: '6 महीने तक धोने होंगे गांव की सभी महिलाओं के कपड़े, Free में आयरन भी', इस शर्त पर कोर्ट से जमानत
आरोपी युवक ललन कुमार साफी पेशे से धोबी है, इसलिए उसे उसके पेशे से जुड़े काम को मुफ्त में करने की शर्त दी गई. उसपर एक महिला से अभद्र व्यवहार और दुष्कर्म के प्रयास का आरोप था.
मधुबनी: महिला से दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को छह महीने तक गांव की सभी महिलाओं के कपड़े मुफ्त में धोने और आयरन करने की शर्त पर जमानत दी गई. मंगलवार को झंझारपुर कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने आरोपी ललन कुमार साफी को इसी शर्त पर जमानत दी. इसी साल 19 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. उसपर आरोपी था कि 17 अप्रैल की रात उसने एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार और दुष्कर्म का प्रयास किया था.
बताया जाता है कि 20 वर्षीय युवक ललन कुमार साफी पेशे से धोबी है. इसलिए उसे उसके पेशे से जुड़े काम को मुफ्त में करने की शर्त दी गई. सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा. कहा कि युवक 20 साल का है. इस मामले में चार्जशीट जमा किया जा चुका है और पुलिस की जांच पूरी हो चुकी है. दोनों पक्षों के बीच समझौते का आवेदन भी दिया गया है. बहस में आरोपी पक्ष ने कहा कि आरोपी अपने पेशे के माध्यम से समाज की सेवा करना चाहता है. एडीजे कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद अपना यह अनोखा फैसला सुनाया. इसके साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपये के दो जमानतदार भी देने को कहा है.
छह महीने के बाद उसे मुखिया, सरपंच या किसी सरकारी अधिकारी से मुफ्त सेवा करने का प्रमाण पत्र भी कोर्ट में सौंपने का आदेश दिया गया है. मुखिया या सरपंच अथवा किसी भी सम्मानित सरकारी कर्मी से लेकर कोर्ट में समर्पित करने का निर्देश दिया है. युवक द्वारा गांव में फ्री सेवा दिया जा रहा है या नहीं इस पर नजर रखने के लिए जमानत की कॉपी गांव के सरपंच और मुखिया को भी भेजे जाने की बात कही है.
पहले भी सुनाया जा चुका अनोखा फैसला
झंझारपुर एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) की कोर्ट में पूर्व में भी कई अनोखे फैसले सुनाए जा चुके हैं. अगस्त 2021 में जिले की झंझारपुर कोर्ट के एक और अनोखा फरमान में परंपरा से हटकर फैसला सुनाया था. कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के लिए एक बंदी शिक्षक को पांच गरीब परिवार के बच्चों को पहली से पांचवी क्लास तक तीन माह निश्शुल्क शिक्षा देने की शर्त पर जमानत दी थी. वहीं, एसपी, डीएसपी को कानून की सही जानकारी नहीं होने को लेकर राज्य और केंद्र सरकार को एडीजे पत्र भी लिख चुके हैं.
यह भी पढ़ें-