Bihar News: बिहार वासियों के लिए खुशखबरी, पटना और दरभंगा के बाद जल्द एक और एयरपोर्ट से उड़ान भरेंगे प्लेन
Gopalganj Airport: गोपालगंज के सबेया एयरपोर्ट को चालू करने को लेकर काफी समय से चर्चा हो रही थी. अभी इस क्षेत्र के लोगों को एक खुशखबरी मिलने जा रही है.
गोपालगंज: बिहार में दरभंगा (Darbhanga Airport) के बाद अब गोपालगंज का सबेया एयरपोर्ट (Sabaeya Airport) चालू होने जा रहा है. केंद्र सरकार ने इस एयरपोर्ट को उड़ान योजना में शामिल किया है. यह एयरपोर्ट फिलहाल रक्षा मंत्रालय के अधीन है. एयरपोर्ट को चालू करने के लिए रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) की टीम चार जनवरी से पहुंची है. सबेया एयरपोर्ट की जमीन की सर्वे हो रही है. गुरुवार को निरीक्षण करने पहुंचे डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से जमीन के नक्शा को बारीकियों से देखा और एयरपोर्ट की जमीन कहां तक है, इसके बारे में अधिकारियों से पूरी जानकारी ली.
अतिक्रमण करने वाले को भेजा गया नोटिस
डीएम ने एयरपोर्ट की रनवे और अतिक्रमण किये गये इलाके का निरीक्षण किया. उन्होंने रनवे के पास अतिक्रमण करनेवाले लोगों को सात दिनों के अंदर खाली करने का आदेश दिया है. वहीं, एयरपोर्ट के किनारे अतिक्रमण कर पक्का मकान बनाने वाले को 30 दिनों का खाली करने के लिए अल्टीमेटम दिया गया है. डीएम ने कहा कि अतिक्रमण करने वाले को प्रशासन नोटिस पहले ही दे चुका है. पुलिस डुगडुगी बजाकर लोगों से अतिक्रमण किए गये सबेया एयरपोर्ट की जमीन को खाली करने के लिए बोल चुकी है. अब निर्धारित अवधि तक एयरपोर्ट की जमीन को खाली नहीं करने पर प्रशासन बुलडोजर एक्शन शुरू करेगा.
लोकसभा में उठाया गया था सवाल
बता दें कि सबेया एयरपोर्ट को अंग्रेजों ने बनाया था. सबेया के इस एयरपोर्ट का इतिहास काफी पुराना है. अंग्रेजों ने 1868 में सबेया में 517 एकड़ में फैले इस जमीन पर हवाई अड्डे को बनाया था. चीन के नजदीक होने के कारण रक्षा के दृष्टिकोण से यह हवाई अड्डा काफी संवेदनशील था. आजादी के बाद रक्षा मंत्रालय ने इस एयरपोर्ट को ओवरटेक करने के बाद इसे विकसित करने की जगह उपेक्षित छोड़ दिया था. वहीं, जेडीयू सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन ने इस एयरपोर्ट को चालू करने के लिए लोकसभा में कई बार मांग उठाई थी और हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर जमीन की सर्वे के लिए रक्षा मंत्रालय की टीम भेजने की मांग की थी. सांसद की पहल पर रक्षा मंत्रालय की टीम चार जनवरी से आकर जमीन का सर्वे कर रही है.