Aurangabad Court News: औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के एडीजे 2 संजय मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार (07 जून) को कुटुंबा थाने में दर्ज कांड संख्या 133/2020 के मामले में सुनवाई करते 16 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर सभी अभियुक्तों को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.


क्या है पूरा मामला?


कुटुंबा थाना क्षेत्र के समदा इब्राहिमपुर में हत्या हुई थी. उसी से जुड़े मामले में यह सजा सुनाई गई है. 13 अगस्त 2020 को 65 वर्षीय वृद्ध जगदीश राम की हत्या ओझा गुनी के आरोप में की गई थी. गांव के लोगों ने भीड़ जुटाकर टांगी-गड़ासे से जघन्य हत्या कर दी थी.


कुटंबा थाने में दर्ज कराई गई थी शिकायत


इस मामले में एपीपी राजाराम चौधरी ने बताया कि कुटुंबा थाना क्षेत्र के सोनू राम की पत्नी पुष्पा देवी ने 13 अगस्त 2020 को कुटुंबा थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कर गांव के 16 लोगों पर आरोप लगाया था कि उन लोगों ने उनके ससुर जगदीश राम की हत्या टांगी और गड़ासे से हत्या कर दी है. पुष्पा देवी ने बताया था कि गांव के ही भुवनेश्वर राम के पुत्र जगल राम की 9 अगस्त 2020 को किसी बीमारी से मौत हो गई थी. सभी अभियुक्तों ने उनके ससुर पर ओझा गुनी का आरोप लगाकर 13 अगस्त की दोपहर उस वक्त हत्या कर दी थी जब वे अपने एक रिश्तेदार के घर से लौट कर आए थे.


पुष्पा देवी ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनके ससुर जान बचाकर भागे लेकिन सभी ने उन्हें खदेड़कर अमरपुर गांव के पक्की रोड के पास पकड़ लिया और टांगी-गड़ासे से गला काटकर हत्या कर दी थी. एपीपी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मामला अदालत में चला और आज शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए सबों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.


बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवकुमार राम ने बताया कि कांड में आरोपित किए गए सभी अभियुक्त निर्दोष हैं. उन्हें इस मामले में गलत तरीके फंसाया गया है. वे न्याय के लिए उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.


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