पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पटना जिला प्रशासन की ओर से भी तैयारी शुरू हो गई है. इस बार पटना में गंगा का रौद्र रूप दिख रहा है. कई घाटों पर जलस्तर खतरे के निशान के आसपास है. जलस्तर हर दिन बढ़ता जा रहा है. पटना के गांधी घाट में खतरे के निशान का लेवल 48.60 है. बीते सोमवार की सुबह छह बजे 48.17 था जबकि सोमवार की शाम छह बजे यह 48.31 हो गया. मंगलवार सुबह छह बजे 48.38 तक पहुंच गया.
हालांकी गायघाट से पूर्वी क्षेत्रों में जलस्तर में ज्यादा बढ़ोतरी देखी जा रही है क्योंकि गायघाट के पास गंडक नदी का मिलान हो रहा है. गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा नदी पर दबाव बना हुआ है जिसके कारण पटना के कई घाटों के अलावा पटना सिटी, फतुहा, बख्तियारपुर इलाके में गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. गंगा किनारे रहने वाले स्थानीय लोगों की मानें तो 2016 में बाढ़ आई थी उस वक्त भी छठ के समय इतना पानी नहीं था. अगर पानी तेजी से नहीं घटता है तो गंगा घाटों पर छठ करना मुश्किल हो सकता है.
यह भी पढ़ें- Chhath Puja 2022: छठ पूजा कब है? जानिए नहाय खाय और खरना की सही तिथि, अर्घ्य का समय भी देखें
सोमवार को जिला प्रशासन ने की बैठक
छठ करने के लिए दानापुर से दीदारगंज तक 105 घाटों को चिह्नित किया गया है. सोमवार को पटना प्रमंडल आयुक्त कुमार रवि ने डीएम चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों सहित कई विभागों के अधिकारियों के साथ छठ पर्व को लेकर बैठक की. इन सभी घाटों की स्थिति का जायजा लेने के लिए 21 टीमें बनाई गईं. टीम सभी घाटों का जायजा लेकर इसकी जानकारी देगी कि किस घाट पर छठ करना संभव है.
आयुक्त कुमार रवि ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि घाटों पर सफाई, उत्कृष्ट प्रकाश व्यवस्था आदि सुनिश्चित की जाए. पार्किंग स्थल पर बैरिकेडिंग/ड्रॉप गेट की व्यवस्था रहेगी. उन्होंने विद्युत कार्यपालक अभियंताओं को घाटों के आसपास एवं संपर्क पथ में विद्युत तारों को व्यवस्थित करने का निर्देश दिया है. नियंत्रण कक्ष, वाच टावर, चेंजिंग रूम और यात्री शेड की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया.
इसके अलावा पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को शौचालय, चापाकल एवं यूरिनल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. आयुक्त कुमार रवि ने कहा कि पटना स्मार्ट सिटी लि. द्वारा सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जा रही है. इससे भीड़ पर निगरानी रखी जाएगी. सिविल सर्जन द्वारा पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस, पैरा मेडिकल स्टाफ और चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. आपदा प्रबंधन कोषांग की ओर से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. रिवर एम्बुलेंस भी तैनात रहेंगे.