Bihar News: स्वास्थ्य विभाग की बड़ी पहल, अररिया समेत इन जिलों में खुलेगा ब्लड बैंक, मरीजों को नहीं होगी दिक्कत
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बिहार बीजेपी के नेताओं द्वारा पाठ्यक्रम में रामायण का अध्याय जोड़ने की मांग पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इतिहास की जानकारी सबको होनी चाहिए.
पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश के अररिया जिले में सरकारी ब्लड बैंक खुलेगा. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अररिया में सरकारी ब्लड बैंक खोलने के लिए लाइसेंस जारी कर दिया. बांका और अरवल जिला में भी एक-एक ब्लड बैंक खोलने और भागलपुर में एक और सरकारी ब्लड बैंक खोलने की प्रक्रिया चल रही है. इसके अलावा शिवहर, सुपौल और मोतिहारी में भी ब्लड बैंक जल्द से जल्द प्रारंभ करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रदेश में कुल 94 ब्लड बैंड संचालित
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अररिया में ब्लड बैंक शुरू होने के साथ ही प्रदेश में सरकारी ब्लड बैंक की संख्या 39 हो जाएगी. फिलहाल, प्रदेश में कुल 94 ब्लड बैंड संचालित हो रहे हैं. इनमें से तीन रेडक्रास द्वारा संचालित हो रहे हैं, शेष ब्लड बैंक प्राइवेट हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंदों को समय पर रक्त उपलब्ध कराने को लेकर लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए हर जिला में सरकारी ब्लड बैंक खोलने की प्रक्रिया चल रही है.
लोगों से रक्तदान करने की अपील की
उन्होंने स्वस्थ लोगों से रक्तदान में बढ़चढ़ कर भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि रक्तदान से बढ़ कर कोई बड़ा पुण्य नहीं होता है. उन्होंने कहा कि हर साल समय पर रक्त नहीं मिलने के कारण की लोगों की असमय मौत हो जाती है. आपके रक्त से कई जरूरतमंद की जान बच सकती है. कोई भी स्वस्थ पुरुष तीन माह के बाद यानी साल में चार बार और कोई भी स्वस्थ महिला चार माह के बाद यानी साल में तीन बार रक्तदान कर सकती हैं.
आरजेडी के प्रशिक्षण शिविर पर साधा निशाना
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बिहार बीजेपी के नेताओं द्वारा पाठ्यक्रम में रामायण का अध्याय जोड़ने की मांग पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इतिहास की जानकारी सबको होनी चाहिए. यानि फिलहाल उन्होंने मांग को ना ही खारिज किया और ना ऐसी कोई मांग की. वहीं, उन्होंने आरजेडी के प्रशिक्षण शिविर पर कहा कि आरजेडी जिसके लिए प्रचलित है, उसका ही प्रशिक्षण देने का कार्य हो रहा है.
उन्होंने कहा कि आरजेडी की जिस चीज के लिए ख्याति रही है, कहीं उसका प्रशिक्षण तो नहीं दिया जा रहा. आरजेडी का प्रशिक्षण कौन दे रहा है इसकी जानकारी बेहद जरूरी है।प्रशिक्षण देने वाले व्यक्ति का क्या कुछ इतिहास रहा है इसकी भी जानकारी होनी चाहिए. आरजेडी के कार्य संस्कृति और कार्य परंपरा को बिहार की जनता भली भांति जानती है.
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