पटना: बिहार में इन दिनों शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Education Minister Chandrashekhar) के दिए गए बयान और बक्सर में किसान प्रदर्शन (Buxar Farmer Protest) का मामला काफी सुर्खियों में है. बीजेपी (BJP) दोनों मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोल रही है. वहीं, इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे (Ashwini Choubey) शुक्रवार को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास अनशन पर बैठ गए. इस दौरान केंद्रीय मंत्री रामायण का पाठ कर रहे हैं. वहीं, केंद्रीय मंत्री द्वारा रामायण के पाठ पढ़ने को चंद्रशेखर के दिए बयान से जोड़कर देखा जा रहा है. उन्होंने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था.
सुशील मोदी सहित कई नेता होंगे शामिल
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे गुरुवार को बक्सर के बनारपुर गांव में पीड़ित परिजनों से मिलने गए थे. इसके बाद बक्सर के चौसा के बनारपुर में ग्रामीणों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे शुक्रवार को अनशन पर बैठ गए हैं. इस धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बीजेपी के कई राजनीतिक दिग्गज पहुंच रहे हैं, जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित बिहार के कई नेता शामिल होंगे.
अश्वनी चौबे के काफिले पर हुई थी पत्थरबाजी
वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे के काफिले पर गुरुवार की शाम पत्थरबाजी हुई थी. इस घटना में केंद्रीय मंत्री बाल-बाल बचे. घटना बक्सर के बनारपुर गांव की है. पुलिस द्वारा महिलाओं और बच्चों पर लाठियां बरसाने, नाबालिग बच्चों के पकड़े जाने को लेकर लोग आक्रोशित थे. बक्सर पहुंचे सांसद को गांव के लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था.
किसान महीनों से कर रहे थे आंदोलन
बता दें कि बक्सर के चौसा प्रखंड के बनारपुर में भारत सरकार का एसजेवीएन थर्मल पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर पिछले 87 दिनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन मंगलवार को किसानों के घरों में पुलिस की रात में कार्रवाई के बाद मामला बढ़ गया. किसान उग्र होकर बुधवार थर्मल पावर प्लांट पर इकट्ठा हुए. इस दौरान अचानक देखते ही देखते पुलिस और ग्रामीण किसानों के बीच पत्थरबाजी शुरू हुई, इस उपद्रव में थर्मल पावर परिसर के 16 वाहन जला दिए गए , जिसमें पुलिस के वज्र वाहन, अग्निशमन गाडियां और बाइक के अलावा चलंत ऑफिस भी शामिल है.
ये भी पढ़ें: Ramcharitmanas: विवादित बयान पर अड़े चंद्रशेखर, मायावती और अखिलेश यादव को बनाया ढाल? याद दिलाई ये बात