पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) पर देश में प्रतिबंध लगाने की मांग की है. पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि पीएफआई के विरुद्ध देश में साम्प्रदायिक द्वेष और आतंकवाद को बढावा देने वाली गतिविधियों में लिप्त होने के पर्याप्त प्रमाण मिलने के बाद बिहार सरकार को केंद्र से परामर्श कर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. पीएफआई इस्लामी छात्रों के संगठन सिमी का बदला हुआ रूप है. इससे सीमावर्ती प्रदेश बिहार और पूरे देश की सुरक्षा को खतरा बढ़ा है. इस दौरान सुशील मोदी ने कांग्रेस और आरजेडी पर भी हमला बोला.


उन्होंने कहा कि आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल कांग्रेस आतंकवादी साजिश में लिप्त पीएफआइ को बढ़ावा देती रही. कर्नाटक में जब कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार सत्ता में आई, तो उसने वर्ष 2013 में पीएफआई और इसकी राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसजीपीआई) के 1600 कार्यकर्ताओं के विरुद्ध दंगा करने से संबंधित 176 मुकदमा वापस ले लिए थे. कांग्रेस सरकार के फैसले से कर्नाटक के विभिन्न इलाकों में साम्प्रदायिक हिंसा और तोड़फोड़ करने वाले पीएफआई के लोगों का दुस्साहस बढ़ा.


मदन साहनी ने की प्रतिबंध लगाने की मांग


वहीं, सुशील मोदी के इस मांग का नीतीश के मंत्री मदन साहनी ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा किसी संगठन के माध्यम से अगर देश विरोधी कार्य किया जा रहा है तो उस पर जरूर प्रतिबंध लगना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी संगठन से अगर देश, समाज और व्यक्ति को खतरा है तो उसपर प्रतिबंध लगाना ही चाहिए. ऐसे लोगों से आपसी सौहार्द खराब होने का डर रहता है. ऐसे लोग जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए.


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कांग्रेस नेता ने बोलने से किया इंकार


इधर, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. वहीं, आरजेडी विधायक ललित कुमार यादव ने कहा कि किस पर बैन लगना चाहिए या नहीं लगना चाहिए यह सरकार का काम है. इसपर हम लोग को ज्यादा नहीं कहना है. एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि पीएफआई को लेकर जांच चल रही है. फिलहाल इस पर दबाव बनाने का कोई मतलब नहीं है.


टेरर मॉड्यूल मामले में अब तक पांच गिरफ्तार


बता दें कि बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ से टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ है. इस मामले में अब तक पांच लोग गिरफ्तार हुए हैं, जबकि 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिनकी तलाश जारी है. पीएफआई की आड़ में इनके खिलाफ देश विरोधी गतिविधियां चलाने के सबूत मिले हैं. यहां अशिक्षित और बेरोजगार युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग दी जा रही थी. इस मामले में गजवा ए हिंद नाम से वाट्सएप ग्रुप चलाने वाले मरगूब अहमद दानिश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से जुड़ा था और विदेश में रहा है.


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