Watch: ज्ञान की धरती पर नीतीश ने माना कॉलेज-यूनिवर्सिटी की स्थिति ठीक नहीं, जानिए गवर्नर को लेकर क्या कहा
Bihar News: बिहार के विश्वविद्यालय में सत्र की देरी हमेशा चर्चा में रहता है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने गया में शनिवार को बयान दिया था.
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पटना: सीएम नीतीश कुमार 'समाधान यात्रा' (Samadhan Yatra) के तहत शनिवार को गया पहुंचे हुए थे. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर मीडिया से बात की. मीडिया ने मगध विश्वविद्यालय (Magadh University) में सत्र की देरी को लेकर सवाल किया तो इस पर उन्होंने माना कि स्थिति ठीक नहीं है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पत्रकारों से कहा कि वो यहां से जाएंगे और गवर्नर से पूछेंगे कि आखिर ये हाल क्यों है? इस बारे में अफसरों से भी बात की है.
देरी से चल रहा है मगध विश्वविद्यालय में सत्र
बता दें कि मगध विश्वविद्यालय में शुरू से ही सत्र देरी से चल रहा है. तीन साल का ग्रेजुएशन कोर्स पांच सालों में भी पूरा नहीं होता है. विश्वविद्यालय से संबंधित सभी कॉलेज का शैक्षणिक सत्र देरी से चल रहा है. गया यूनिवर्सिटी का हाल ऐसा है कि यहां पढ़ने वाले बच्चे कई साल पीछे चल रहे हैं. सत्र में देरी की वजह से यहां के छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था हमेशा सुर्खियों मे रहता है. इसको लेकर शिक्षा विभाग की नींद कब खुलेगी? ये पता नहीं है.
गया पहुंचे थे नीतीश कुमार
वहीं, समाधान यात्रा के तहत गया पहुंचे नीतीश कुमार ने वहां लेमनग्रास की खेती का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि लेमनग्रास की खेती यहां बहुत अच्छे ढंग से हो रही है. दक्षिण बिहार में जहां भी पानी कमी है वहां लेमनग्रास की खेती को प्रोत्साहित करें, लेमनग्रास की खेती से किसानों को काफी फायदा होगा, मजदूरों को रोजगार मिलेगा. इस इलाके में चेकडैम के निर्माण के अलावा जल संग्रहण का भी इंतजाम करें, जिससे भूजल स्तर भी ठीक होगा और किसानों को भी इससे सुविधा मिलेगी. लेमनग्रास की खेती से काफी फायदा हो रहा है. लेमनग्रास से उत्पादित तेल 1400 से 1500 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है. लेमनग्रास के खर पतवार से रस्सी भी बनायी जाती है और यह जलावन के काम में भी लाया जाता है.
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