बिहार के इस डॉक्टर ने जो किया वो आप न करें, ठगों ने सुनाई 'वो' वाली कहानी और ले गए 15 लाख
Bihar News: मुंबई पुलिस का भय दिखाकर एमबीबीएस डॉक्टर कैलाश प्रसाद शर्मा को ठगों ने अपना निशाना बनाया है. शिकायत दर्ज होने के बाद मामले की जांच की जा रही है.

Bihar Jamui Doctor Digital Arrest: बिहार में एक डॉक्टर को साइबर ठगों ने 15 लाख रुपये का चूना लगाया है. पूरा मामला जमुई जिले का है. साइबर ठगों ने मुंबई पुलिस का भय दिखाकर सिकंदरा के चर्चित एमबीबीएस डॉक्टर कैलाश प्रसाद शर्मा को चार जनवरी को अपना निशाना बनाया. 14 जनवरी को उन्होंने इस मामले में शिकायत भी दर्ज करा दी है. हालांकि मामला अब जाकर प्रकाश में आया है. डॉक्टर केपी शर्मा ने जो गलती की वो आप नहीं करें नहीं तो आप भी ठगी के शिकार हो सकते हैं.
क्या है ठगी की पूरी कहानी?
चार जनवरी को डॉ. केपी शर्मा को फोन आया है. साइबर ठगों ने खुद को बताया कि वे मुंबई पुलिस से हैं. लगातार कई बार व्हाट्सएप कॉल किया गया. इस दौरान डॉक्टर को यह बताया कि आपका आधार कार्ड और सिम कार्ड का उपयोग गलत कामों के लिए किया जा रहा है. आपके ऊपर 17 संदिग्ध मामले हैं.
फोन करने वाले ने कहा कि आप मनी लॉन्ड्रिंग का काम करते हैं. विदेश से अवैध सामान की खरीदारी की जाती है. लड़की से वीडियो कॉल कर अश्लील बातें की जाती है. उसने यहां तक कहा कि आपके नाम से वारंट जारी हो गया है लेकिन वो उन्हें गिरफ्तारी से बचा सकता है. डॉक्टर से कहा कि वो जो-जो कहता है वो करना पड़ेगा.
दो बार में भेजे गए कुल 15 लाख रुपये
इतना सुनते ही डॉक्टर साहब झांसे में आ गए. मुंबई पुलिस की फर्जी आईडी और फर्जी वर्दी वाली तस्वीर दिखाते हुए डॉ. केपी शर्मा को धमकाया गया. इसके बाद ठगों के बताए गए अकाउंट में आरटीजीएस के माध्यम से एक बार में 11 लाख रुपया भेजा गया. इसके बाद सिटी यूनियन बैंक की जोधपुर शाखा के अकाउंट जो हितेश कुमार के नाम से है उसमें चार लाख रुपया भेजा गया.
इसके बाद बदमाशों ने डॉ. केपी शर्मा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया कि और पैसा भेजें नहीं तो ईडी और सीबीआई की रेड हो जाएगी. परेशान होकर डॉक्टर केपी शर्मा ने ऑनलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई.
बीते रविवार (19 जनवरी) को जमुई के एसपी मदन कुमार आनंद ने बताया कि साइबर फ्रॉड में थोड़ा तो चैलेंज है क्योंकि ठगी करने वाले टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं. उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए बताया कि अगर साइबर फ्रॉड कोई रकम निकालता है तो तुरंत 1930 पर कॉल करके अपना शिकायत दर्ज कराएं. समय रहते उस रकम को ब्लॉक किया जा सकता है. बाद में वो पैसा रिटर्न आ सकता है. अगर तीन-चार प्रक्रिया में रुपया ट्रांसफर हो चुका है तो रिकवर करने में काफी परेशानी आती है.
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