गयाः जिले के विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले के आयोजन पर इस साल भी संशय बरकरार है. पिछले साल भी कोरोना वायरस की वजह से इस मेले का आयोजन नहीं हो सका था. इस साल 20 सितंबर से पितृपक्ष शुरू होना है, लेकिन जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग या सरकार की ओर से कोई सुगबुगाहट नहीं हो रही है.
पितृपक्ष मेले के दौरान देश-विदेश से लाखों की संख्या में हिंदू सनातन धर्मावलंबी यहां आते हैं अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए श्राद्ध कार्य, कर्मकांड, तर्पण आदि करते हैं. विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शंभु लाल बिट्ठल ने बताया कि गया के पितृपक्ष मेला से हर तबके के लोग जुड़े हैं. पिंडदान व कर्मकांडों से ब्राह्मणों का भी जीविकापार्जन चलता है.
जिला प्रशासन को कई बार दिया गया आवेदन
शंभु लाल बिट्ठल ने कहा कि पिछले साल मेले का आयोजन नहीं होने से करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई थी. प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से काफी नुकसान हुआ था. अगर इस वर्ष भी मेले का आयोजन नहीं हो सका तो खाने तक के लाले पड़ जाएंगे. समिति द्वारा सरकार व जिला प्रशासन को मेले के आयोजन को लेकर कई बार आवेदन दिया जा चुका है, मुलाकात भी की जा चुकी है.
पितृपक्ष में अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में लोगों के बीच संशय की स्थिति बनी है. उन्होंने कहा कि कई यात्रियों के फोन भी आते हैं जो मेले के आयोजन के बारे में पूछते हैं. वहीं मंदिर परिसर में बर्तन व्यापारी ने बताया कि पिछले साल पितृपक्ष मेले का आयोजन नहीं होने से काफी नुकसान हुआ था. अगर इस बार भी मेले का आयोजन नहीं होता है तो लिए गए कर्ज को चुकाने की चिंता सता रही है.
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