गोपालगंज: पंजाब के अमृतसर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेडक्वार्टर में रविवार सुबह जवान द्वारा की गई गोलीबारी में बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले हेड कांस्टेबल राम विनोद सिंह भी शहीद हो गए हैं. शहीद जवान जिले के मांझागढ़ थाना क्षेत्र के बहोरा टोला निवासी स्व. राघव सिंह के पुत्र थे, जो बीएसएफ 144वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल थे. उनके मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया है.
बेटे ने भारकर बचाई जान
अमृतसर में बीएसएफ के हेड क्वार्टर में रविवार की सुबह जवानों के बीच हुई दिल-दहला देने वाली वारदात ने गोपालगंज के बहोरा टोला के इस परिवार को आँसुओं में डूबो दिया है. वारदात इतनी खतरनाक थी कि राम विनोद सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि मृतक जवान का बेटा करण वीर सिंह जान बचाकर भाग निकला. शहीद जवान की तस्वीर दिखाकर रोते-बिलखते पीड़ित परिवार ने गृह विभाग से घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है.
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मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की
शहीद जवान की पुत्री पुतुल कुमारी सिंह ने बताया कि रविवार की सुबह में राम विनोद सिंह अपने बेटे के साथ ड्यूटी पर जाने के लिए कैंप में पहुंचे थे. इसी दौरान गोलियों से भूनकर उनकी हत्या कर दी गई. इस वारदात में शहीद जवान का बेटा करणवीर सिंह बचकर किसी से तरह से भाग निकला और उसने इसकी सूचना परिजनों को दी. करीब तीन घंटे के बाद बीएसएफ हेड क्वार्टर से वारदात की सूचना परिजनों को दी गई है. शहीद जवान की बेटी ने मामले में उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है.
मंगलवार को आएगा पार्थिव शरीर
परिजनों के अनुसार राम विनोद सिंह पांच भाइयों में सबसे बड़े हैं. बीते 29 नवंबर को अपनी भतीजी की शादी में घर आये थे और 15 दिसंबर को ही अमृतसर बीएसएफ कैंप में गये थे. 1999 बैच के राम विनोद सिंह की अमृतसर में पोस्टिंग 2020 में हुई थी और इकलौते बेटे करणवीर सिंह की पढ़ाई के लिए इसी साल वे वीआरएस लेने वाले थे. तीन बेटियों के पिता राम विनोद सिंह अपनी सभी बेटियों की शादी कर चुके हैं. परिजनों के अनुसार बीएसएफ मुख्यालय से आठ मार्च को शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक घर बहोरा टोला जायेगा और सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.
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