गोपालगंज: जिले के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) का एक कर्मचारी बंगाल में रह कर कई सालों से सरकारी तनख्वाह उठाता रहा. इस मामले की जानकारी तत्कालिक डीएम नवल किशोर चौधरी को मिली जिसके बाद उन्होंने धोखाधड़ी को गंभीरता से लेते हुए उसके ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश सिविल सर्जन को दिया है. डीएम के आदेश के बाद सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने सदर प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को 28 फरवरी को एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है. डीएम के इस कारवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.
2010 में हुई थी नियुक्ति
जिले के सदर ब्लाक के मानिकपुर स्वास्थ्य उप केंद्र में मनीष जूलियस की पोस्टिंग 2010 में परिचारी के पद पर हुआ था. मनीष अस्पताल के प्रभारी डॉ प्रधान सहायक और अन्य अधिकारियों से सांठगांठ कर हमेशा अनुपस्थित रहता था. ऐसा 11 सालों कर रहा था. अस्पताल के क्लर्क के सांठगांठ पर मनीष की उपस्थिति एएनएम ज्ञानमाला कुमारी से लिया जाता था जिसके आधार पर उसका वेतन उसके खाते में भेज दी जाती थी, जिसके बाद मनीष से चेक मांग लिया जाता था और उसके खाते से चेक से राशि निकाल ली जाती थी.
स्वास्थ्य विभाग ने की कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग के सामने यह मामला एक साल पहले आया था लेकिन विभाग ने इस मामले को दबा दिया. अभी आनन-फानन में मामले में कार्रवाई के नाम पर मनीष को निलंबित कर दिया गया है और एएनएम ज्ञान माला कुमारी को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, सब प्रभारी डॉ. मुकेश कुमार सिंह को पद से हटा दिया गया और क्लर्क राकेश कुमार को हथुआ एएनएम कॉलेज में ट्रांसफर कर दिया गया. वहीं, डीएम नवल किशोर चौधरी ने बताया कि राशि गबन किया गया है. इस मामले में रिकवरी के साथ कार्रवाई की जा रही है. पुलिस जांच के बाद अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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