पटनाः बिहार सरकार (Bihar Government) में आरजेडी (RJD) कोटे से मंत्री बनाए गए आलोक मेहता (Alok Mehta) की जिम्मेदारी और बढ़ गई है. बीते बुधवार को इस संबंध में पत्र भी जारी किया है. सरकार ने उन्हें भूमि सुधार विभाग का मंत्री बनाया था. अब इस विभाग के साथ-साथ उन्हें एक और विभाग का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है. आलोक मेहता के पास अब गन्ना उद्योग विभाग की भी जिम्मेदारी है. विधि विभाग से हटाकर कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) का विभाग बदल दिया गया था. कानून मंत्रालय की जगह उन्हें गन्ना मंत्रालय दिया गया था.


दरअसल, वारंट विवाद के बाद 30 अगस्त को कानून मंत्री कार्तिक सिंह का विभाग बदल दिया. उन्हें विधि विभाग से हटाकर गन्ना उद्योग विभाग आवंटित किया गया. अपहरण के एक मामले में कथित संलिप्तता के बावजूद कुमार को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद काफी विवाद हुआ. इसके बाद बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर राज्यपाल सचिवालय द्वारा 30 अगस्त के एक आदेश के आलोक में नया विभाग आवंटित किया गया.


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वारंट के बाद भी मंत्री पद की ले ली थी शपथ


बता दें कि कार्तिकेय सिंह ने 16 अगस्त को नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार में आरजेडी के कोटे से मंत्री के रूप में शपथ ली थी. उन्हें मंत्री भी बनाया गया तो कानून विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई. इसके बाद जब वारंट वाली बात सामने आई तो विवाद शुरू हो गया. बीजेपी ने 2014 के अपहरण के एक मामले में कार्तिक के नामजद होने के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर सवाल खड़ा करते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की थी. कार्तिक सिंह पर लगे आरोपों के बारे में नीतीश कुमार से पूछा गया था तो उन्होंने जवाब दिया था कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है. 


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