पटना: बिहार के पूर्णिया विश्वविद्यालय में शनिवार को सीनेट की बैठक राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में हुई. बैठक के दौरान उन्होंने राज्यपाल के कर्तव्यों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश की शिक्षा के बारे में कोई और नहीं इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं. उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी मुझसे सवाल करेगी कि आप राज्यपाल थे तो आपने शिक्षा के क्षेत्र में क्या किया? उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था इतनी लचर है कि 12वीं पास करने के बाद बच्चों को प्रदेश से बाहर जाना पड़ता है.


राजभवन इंजॉय करने नहीं आया हूं


आगे उन्होंने कहा कि मैं राज्यसभा में इंजॉय करने नहीं आया हूं, आराम तो मैं घर में भी कर सकता हूं. उन्होंने सीनेट के बैठक में कहा कि मुझे शिक्षा के लिए कुछ करना है, उसको मैं अकेला नहीं कर सकता हूं, आपके साथ मिलकर करूंगा. राज्यपाल का कहना है कि एक महीने के दौरान उनसे मिलने करीब 400 लोग आए. जितने भी लोग मिलने आए लगभग 90% लोग शिक्षा व्यवस्था पर चिंतित थे. कहा कि आज तक जो हुआ उसको भूल जाइए अब नए तरीके से हम सब मिलकर शिक्षा को सुधारने का काम करेंगे.


बिहार में नई शिक्षा नीति


राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति कोठारी कमीशन के समय ही आई थी, लेकिन इसका इंप्लीमेंटेशन नहीं हुआ था. उन्होंने नई शिक्षा नीति के बारे में बताया कि दो वर्षों तक लगभग सभी देशों के साथ बैठक हुई जिसके बाद नई शिक्षा नीति 2020 में तैयार की गई. इसका इंप्लीमेंटेशन करके आगे बढ़ने की जरूरत है ताकि प्रदेश के शिक्षा में सुधार किया जा सके. उनका कहना है कि यह जो नई शिक्षा नीति है वह हमारे हमारी मातृभाषा संस्कृति हमारे देश के विचार इतिहास हमारी परंपरा को बढ़ावा देने वाली शिक्षा नीति है और हमें इसे जरूर अपनाना चाहिए.


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