गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज में एईएस और जेई का कहर नहीं थम रहा है. बैकुंठपुर प्रखंड के दिघवा उत्तर व महुआ गांव में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) व जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) से बीमार नौ बच्चे मिले हैं, जिन्हें मुजफ्फरपुर व पीएमसीएच के शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया है. बीमार बच्चों की पुष्टि वायरोलॉजी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट से हुई है. जिला जनित वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी सह डीएमओ डॉ. हरेंद्र प्रसाद ने इतनी संख्या में बीमार बच्चों का रिपोर्ट आने पर चिंता जताई है.


जिला जनित वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने कहा कि इलाके में जापानी इंसेफेलाइटिस का टीका लगाया जा रहा है. डेंगू से भी ग्रसित दोनों गांवों में बच्चे मिले हैं, इसलिए मंगलवार से डेंगू के लार्वा का नष्ट करने के लिए फॉगिंग शुरू कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि दिघवा उत्तर गांव में नौ एईएस-जेई व दो डेंगू के मरीज मिले. वहीं, महुआ गांव में दो एईएस व दो डेंगू के मरीज मिले हैं.


11 बच्चों में डेंगू की पुष्टि


दिघवा उत्तर व महुआ गांव में कुल 11 बच्चे डेंगू से पीड़ित पाए गए हैं. इन गांवों के बच्चों की वायरोलॉजी डिपार्टमेंट ने ब्लड सैंपल लेकर जांच कराई थी, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद पुष्टि हुई. वहीं जेई व एईएस के भी दोनों गांवों में कुल 11 बच्चे बीमार पाए गए हैं. 


ये सावधानी बरतें



  • बुखार आए तो पैरासिटामोल के अलावा कोई दवा न दें.

  • बच्चे को लिक्विड डाइट देते रहें.

  • छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाते रहें.

  • बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें.

  • बुखार दो-तीन दिन में नहीं उतरे, तो डॉक्टर से परामर्श लें.


ब्लड सैंपल से हो जांच


वायरल फीवर से परेशान बच्चों के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर बीमारी नहीं पकड़ पा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में ब्लड सैंपल लेकर पैथोलॉजी जांच होगी, तभी वायरल फीवर की बीमारी सामने आएगी. वायरल फीवर एक महीने से है. बीमारी की पुष्टि वायरोलॉजी डिपार्टमेंट की जांच के बाद हुई, जिसमें डेंगू, मलेरिया, एईएस, जेई के लक्षण मिले. परिजनों का कहना है कि बीमारी पकड़ में आने पर बेहतर इलाज हो पाता है.



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