पटना: कोरोना वायरस के ऑमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर बिहार सरकार अलर्ट है. नए वेरिएंट से सावधान रहने के लिए लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को बीजेपी के सहयोग कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से मुखातिब हुए बिहार के स्वास्थ्य मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने कहा कि ऑमिक्रॉन जो कोरोना का नया वेरिएंट आया है, 26 नवंबर को डब्ल्यूएचओ की ओर से इसकी जानकारी दी गई. उसके 48 घंटे के अंदर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) की समीक्षा बैठक हुई और इसमें एक-एक बिंदु पर सूक्ष्मता के साथ चर्चा हुई. यही कि नया वेरिएंट कैसा है, उसे कैसे रोका जाए, किन देशों में फैला है, वहां से आने वाले लोगों की जांच कैसे कराई जाए, और अगर कोई विदेश से आने वाला संक्रमित हो तो उसकी जांच क्या हो.
विशेष तरीके से जांच की जाए
उन्होंने बताया कि इस सभी मुद्दों पर बात करते हुए ये निष्कर्ष निकाला गया कि ऑमिक्रॉन वेरिएंट जिन देशों में पाए जा रहे हैं, उन देशों के नागरिकों के आने पर हवाई अड्डे पर उनकी विशेष तरीके से जांच की जाए. इसके अलावा जितने भी लोग विदेश से आ रहे हैं, उनका ऑमिक्रॉन को ध्यान में रखते हुए जांच हो. इसमें अगर कोई पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसका जीनोम सिक्वेंसिंग कराया जाए. इस प्रक्रिया के लिए बिहार में भी अब लैब लग गए हैं, पहले हम सैंपल बाहर भेजते थे. इसमें अगर कोई पॉजिटिव आता है, तो ट्रीटमेंट होगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने किया ये दावा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मंगोलिया से आए शख्स को गया में संक्रमित पाया गया. अब हम उनका जीनोम सिक्वेंसिंग करा रहे हैं. बिहार में अभी तक ओमिक्रोन वेरिएंट के पॉजिटिव मरीज नहीं मिले हैं. ऑक्सीजन और बेड की कमी को लेकर दूसरी लहर के दौरान हुई दिक्कत के संबंध में उन्होंने कहा कि इस बार सभी मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं. इसके अलावा सवा सौ स्वास्थ्य केंद्रों में भी प्लांट्स लगाए गए हैं, ताकि ऑक्सीजन की दिक्कत ना हो. अस्पतालों में आईसीयू में बेड्स बढ़ाए गए हैं. कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज के संबंध में उन्होंने बताया कि अब तक इस बाबत कोई गाइडलाइन नहीं मिली है. गाइडलाइन्स मिलने के बाद काम किया जाएगा.
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