पटनाः राजधानी पटना से सटे बिहटा में सोमवार को होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर में 75वां स्थापना दिवस मनाया गया. स्थापना दिवस के मौके पर 1990 बैच की आईपीएस ऑफिसर और होमगार्ड की डीजी शोभा अहोटकर (Shobha Ahotkar) भी मौजूद थीं. इस अवसर पर उन्होंने गृह रक्षकों को और पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दीं. शोभा अहोटकर ने कहा कि गृह रक्षा वाहिनी और अग्निशमन विभाग की मुखिया होने के कारण खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. एक सवाल पर कि आप ‘हंटरवाली’ के रूप में जानी जाती थीं, इसपर कहा कि मैं आज भी ‘हंटरवाली’ हूं.

  


शोभा अहोटकर ने कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन को बनाए रखना बहुत जरूरी है. किसी भी पुलिस महकमे में या विभाग में अनुशासन लाने के लिए कड़ा रुख अपनाना पड़ता है. इसमें मेरा विश्वास है और इससे हमलोग अच्छा बल प्राप्त कर सकते हैं. कहा कि उन्हें बिहारवासियों से इतना प्यार और सम्मान मिला कि उतना महाराष्ट्र में भी नहीं मिला.   


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हंटरवाली का नाम क्यों पड़ा?


बताया जाता है कि 22 साल की उम्र में ही शोभा अहोटकर पुलिस की नौकरी में आ गई थीं. एक समय उनकी पोस्टिंग देवघर में हुई थी. उस समय वहां मंदिर में दर्शन करने जाने वाली महिलाओं का रेप होता था. इस मामले में जो भी अपराधी पकड़े जाते थे उनकी जमकर पिटाई के कारण लोगों ने उन्हें यह नाम दे दिया था.


कौन हैं शोभा अहोटकर?


शोभा अहोटकर 1990 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं. जब बिहार और झारखंड एक था, उस समय अपराध चरम पर था. हत्या, लूट, डकैती, अपहरण और रंगदारी जैसी घटनाएं धड़ल्ले से होती थीं. उस समय वो जिस जिले में एसपी बनकर जाती थीं, वहां लोगों का विश्वास जीत लेती थीं. पटना सिटी में एएसपी रही हैं. शोभा ने कहा कि उन्हें अपने पिता से प्रेरणा मिली है. उनके पिता बलराम अहोटकर हैदराबाद में एक्साइज कमिश्नर थे. आज जो भी है उसका श्रेय उनके पिता को जाता है.



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