पटना: बिहार में जहरीली शराब से मौतों पर सियासत जारी है. 60 लोगों से ज्यादा अब तक मौत के आंकड़े बताए जा रहे हैं. इधर, शुक्रवार को हम सुप्रीमो और महागठबंधन पार्टी में नेता जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने बीजेपी से सुर मिलाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 'मरने वाले लोगों के परिवार वालों को सरकार को मुआवजा दे. नीचे स्तर पर जो समस्याएं हैं उनको ठीक करिए. गरीब लोग बिलख रहे हैं. साथ ही कहा कि आंकड़ों की मानें तो शराबबंदी को लेकर 70 हजार लोग जेल में हैं. सरकार उनको छुड़ाने की व्यवस्था कराए. हालांकि उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून ठीक है, लेकिन इसे सही तरह से इंप्लीमेंट नहीं किया जा रहा.


जीतन राम मांझी की कई मांगें


मांझी ने कहा कि उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की है. कहा कि बिहार में शराबबंदी को लेकर कई तरह की समस्या हो रही है. जमीनी स्तर पर इसे सही तरह से लागू की जाए. नीति ठीक है लेकिन इंप्लीमेंटेशन में गड़बड़ी हो रही है. कई लोगों की जहरीली शराब से मौतें हो रही है. सरकार इस विषय की जांच करे कि ये क्यों हो रहा है. साथ ही कहा कि जेल में शराबबंदी के मामले में 70 हजार लोग बंद है. सरकार उनको छुड़ाने के लिए विशेष व्यवस्था करें. पकड़े लोगों के बच्चे बिलख रहे हैं. परिवार बिलख रहा है. उनकी सरकार मदद करे. उनके लिए विशेष व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन यहां तस्करों को पकड़ने में नाकामयाब है. वो गरीब लोगों को पकड़ के जेल में डाल रही तो सरकार ऐसा न करे. शराब धंधेबाज को जेल भेजें और गरीब लोगों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था करें. हम इसपर कब से मांग कर रहे.


जहरीली शराब से मौतों पर घिरे हैं मुख्यमंत्री


बता दें कि बिहार के छपरा, सीवान और बेगूसराय में जहरीली शराब से 60 से ज्यादा लोगों की मौत का आंकड़ा बताया जा रहा. शीतकालीन सत्र में इसी मुद्दे को लेकर बीजेपी नेताओं ने नीतीश कुमार और उनकी सरकार को घेरा है. मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की जा रही. दूसरी तरफ सीएम नीतीश इस बात पर अड़े हैं कि शराब पीना गंदा काम है. बिहार में शराबबंदी के बावजूद लोग इसे पीकर मर रहे. इसके लिए सरकार मुआवजे के तौर पर एक रुपये भी नहीं देगी.