Bihar News: सहयोगी दल हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने एक बार फिर नीतीश कुमार की शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े किए हैं. जीतन राम मांझी शुक्रवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की शराब नीति का खामियाजा सबसे ज्यादा दलित समाज को झेलना पड़ रहा है. लोग शराब पीकर जेल जा रहे हैं जबकि 60 प्रतिशत बड़े लोग रात में शराब पीते हैं.


शराब पीने की वजह से 70 प्रतिशत गरीब जेल में- मांझी


मांझी का आरोप है कि बड़े लोगों को कोई नहीं पकड़ता है जबकि गरीबों के घर में रात के 12 बजे भी पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज देती है. शराब पीने की वजह से 70 प्रतिशत गरीब लोग जेल में हैं. बड़े लोगों के शराब पीने पर कोई पूछने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि रात 10 बजे बाद दवा के रूप में थोड़ी थोड़ी पीनी चाहिये. उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुजरात मॉडल की चर्चा की. कहा कि शराब पीना सार्वजनिक स्थलों पर बैन रहना चाहिये.


मांझी नीतीश कुमार के किए गए विकास कार्यो से सहमत हैं. लेकिन शराबबंदी पर लगातार नीतीश कुमार को संशोधन करने के लिये आवाज बुलंद कर रहे हैं. मांझी का कहना है कि जेल में कैदियों को रखने की जगह नहीं है. अब उनको कैंप जेल बनाना पड़ेगा. जीतन राम मांझी ने सुझाव दिया कि शराबबंदी के तहत जेल भेजे गए गरीबों को सरकार को रिहा कर देना चाहि क्योंकि 70 प्रतिशत गरीब जेल में बंद हैं. गौरतलब है कि मांझी लगातार शराबबंदी पर मुखर रहते हैं. 


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