Bihar News: मदरसे में होने वाली पढ़ाई को लेकर अब जीवेश कुमार मिश्रा ने उठाए सवाल, कहा- उर्दू केवल बहाना है
जीवेश कुमार मिश्रा से पहले बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने असम सरकार के फैसले को समर्थन दिया था. अब जीवेश कुमार मिश्रा ने भी इसको लेकर बयान दे दिया है.
पटनाः बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता नीरज कुमार बबलू (Neeraj Kumar Bablu) के बाद अब मंत्री जीवेश कुमार मिश्रा (Jivesh Kumar Mishra) ने भी मदरसे में होने वाली पढ़ाई को लेकर मंगलवार को बयान दिया है. जीवेश ने कहा कि अल्पसंख्यक भाइयों को मुख्य धारा में आना है तो मुख्य पढ़ाई पर उन्हें ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसको पढ़कर वो कुछ बेहतर बनें उन्हें वही पढ़ाई करनी चाहिए ना कि सांप्रदायिक चीजों को पढ़कर दिमाग को डाइवर्ट करना चाहिए.
जीवेश कुमार मिश्रा ने कहा कि कई बार विरोधाभाष की स्थिति हो जाती है, क्योंकि उन्होंने इसे धर्म से जोड़ लिया है. ऐसे में इसपर कुछ ज्यादा नहीं कह सकते, लेकिन मेरे विचार से जो मरदरसे हैं या संस्कृत विद्यालय हैं उन्हें मुख्य धारा की स्कूलों से जोड़ना चाहिए. कहा कि जो मरदरसे में पढ़ने वाले लोग हैं वो मुख्य धारा की पढ़ाई करें. सभी मदरसों में देश विरोधी बात नहीं की जाती, लेकिन कई बार ऐसी खबरें सामने आईं हैं.
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संस्कृत पर होना चाहिए फोकस
मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि ये बात तो स्पष्ट है कि मदरसे के अंदर जो पढ़ाई होती है उसका आधार केवल धर्म होता है. इसका कोई औचित्य नहीं है. शिक्षा का अर्थ यही है कि वो पढ़ लिखकर देश के लिए काम करें. शिक्षा सभी के लिए समान अवसर प्रदान करता है. संस्कृत पर फोकस होना चाहिए. जिस तरह से इसे किनारे किया जा रहा ये ठीक नहीं है. दुनिया भर के लोग इसपर रिसर्च कर रहे हैं. ऐसे में हमें ध्यान देने की जरूरत है. जो भी विषय हो उसे मुख्य धारा के स्कूल में पढ़ाया जाए. उर्दू तो केवल एक बहाना है. कई मदरसे नियम कानून तोड़कर चल रहे हैं. वो नियम नहीं मान रहे. जांच होगी तो सब साबित हो जाएगा. पढ़ाई उनका एजेंडा हो सकता है, लेकिन उसमें राष्ट्रवाद को शामिल करें. नियम तोड़कर मदरसा नहीं चलाया जाना चाहिए, इससे हमें आपत्ति है.
नीरज कुमार बबलू ने क्या कहा था?
बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने असम सरकार के फैसले को समर्थन दिया है. उन्होंने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि असम की बीजेपी सरकार ने सराहनीय काम किया है. मदरसों में सभी तरह की पढ़ाई होनी चाहिए. राज्य में चल रहे सभी मदरसों को सरकारी स्कूल में बदलने का फैसला सही है. मदरसों में पढ़ाई के लिए फंड तो राज्य सरकार की ओर से ही जाता है, लेकिन लगभग सभी मदरसों में अपने मन मुताबिक पढ़ाई कराई जाती है. वहां ना तो हिंदुस्तान के हिसाब से पढ़ाई होती है ना पढ़ाई की तरह पढ़ाई कराई जाती है.
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