पटना: बकाया वेतन और नौकरी स्थायी करने की मांग को लेकर बीते 15 दिसंबर से राजधानी पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे पंचायत वार्ड सचिवों के सब्र का बांध सोमवार को टूट गया. ऐसे में सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर उन्होंने बीजेपी के प्रदेश कार्यालय का घेराव किया. सुबह के करीब 10 बजे से ही वे पार्टी कार्यालय के बाहर जुट गए थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. इधर, प्रशासन सचिवों को समझाने की कोशिश कर रहा था, इसके बाबजूद वे अपनी मांगों पर अड़े रहे. ऐसे में घंटों समझाने के बाद पुलिस ने दो वाटर कैनन से वार्ड सचिवों पर पानी का छिड़काव किया, ताकि वे चले जाएं.
पथराव के बाद पुलिस ने किया लाठीचार्ज
हालांकि, पानी के बौछार से गुस्साए वार्ड सचिवों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. ऐसे में जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर सभी को खदेड़ दिया. इस दौरान भीड़ को तीतर बीतर करने लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. इस दौरान लगभग एक घंटे तक तनाव की स्थिति बनी रही. बता दें कि पिछले 12 दिनों से बिहार के अलग-अलग जिलों से आए पंचायत वार्ड सचिव गर्दनीबाग बाग में नौकरी स्थायी करने और बकाया पैसे देने की मांग को लेकर धरना बैठे थे.
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दरअसल, बिहार सरकार ने साल 2017 में सात निश्चय योजना के तहत सभी वार्डों में आम सभा कर वार्ड सचिव का चयन योग्यता के आधार पर किया था. लेकिन पंचायत चुनाव 2021 के बाद 13 दिसंबर को पंचायती राज विभाग ने सभी वार्ड सचिवों की नियुक्ति रद्द कर, नई नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया, जिसके दूसरे दिन से पूरे बिहार के वार्ड सचिव आंदोलन पर उतर गए. उनके समर्थन में जाप सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, तेजस्वी यादव और चिराग पासवान भी धरना स्थल पर पहुंचे थे. लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई उनके पास नहीं पहुंचा था. इससे गुस्साए लोगों ने बीजेपी कार्यालय का घेराव किया था.
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