छपरा: जिले के मांझी में 33 साल पहले बूथ कैप्चरिंग (Booth Capturing) के मामले में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह मामला काफी समय से कोर्ट में चल रहा था. इस मामले में कांग्रेस के मंत्री रह चुके रविंद्र नाथ मिश्र (Ravindra Nath Mishra) अभियुक्त थे. इस मामले में छपरा के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट (Mp Mla Special Court) ने मंगलवार को रविंद्र नाथ मिश्र को उम्र कैद की सजा सुनाई है. बता दें कि इस मामल में कोर्ट ने 40 हजार का जुर्माना भी लगाया है. एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सात दिन पहले रविंद्र नाथ मिश्र को इस मामले में दोषी ठहराया था.
गोली लगने से एक व्यक्ति की हो गई थी मौत
रविंद्र नाथ मिश्र के भाई हरेंद्र मिश्र को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया था. आज इस पूरे मामले की सुनवाई की गई जिसमें वर्ष 1990 में चुनाव के दिन 27 फरवरी को मांझी प्रखंड के बूथ संख्या 175 और 176 पर बूथ लूटने की मंशा से कुछ लोगों पर हमला करने का आरोप लगा था. फायरिंग से वहां भगदड़ मच गई थी जिसके बाद उमा बीन नामक एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी.
1990 में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
इस मामले में 1990 में मांझी थाना के कांड संख्या 28 तारीख में केस दर्ज किया गया था. इस घटना के बाद महेश प्रसाद यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र नाथ मिश्र और उनके भाई हरेंद्र पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने दफा 302 के तहत उम्रकैद और 40 हजार का जुर्माना लगाया है. साथ ही दफा 353 में 2 वर्ष और 4000 का जुर्माना लगाया है. वहीं दफा 171 एक में एक साल और एक हजार जुर्माना और दफा 136 के तहत 6 माह की सजा 1000 जुर्माने की सजा सुनाई है. सभी सजा साथ साथ चलेगी.
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