पटनाः बिहार से बीजेपी के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर (Vivek Thakur) ने सेनारी नरसंहार (Senari Massacre) में मारे गए लोगों को लेकर बड़ी बात कह दी है. इसके साथ ही उन्होंने सेनारी नरसंहार में मारे गए लोगों को शहीद बताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से शनिवार को ट्वीट कर यह बात कही है. विवेक ठाकुर ने अपने ट्वीट में सेनारी नरसंहार में मारे गए लोगों को शहीद बताया है जिससे बिहार की सियासत गरमा सकती है.


विवेक ठाकुर ने ट्वीट कर लिखा- "आज ही के रात 1999 में बिहार के अरवल जिला के सेनारी गांव में प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसी के लोगों द्वारा गांव की घेराबंदी कर 34 लोगों की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई थी. सेनारी नरसंहार में शहीद हुए लोगों को विनम्र श्रद्धांजलि एवं शत-शत नमन." 






यह भी पढ़ें- Bihar By-Elections 2022: मुकेश सहनी ने कहा- हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे, होली पर 'गिफ्ट' देने के लिए सहयोगियों का धन्यवाद


क्या था सेनारी नरसंहार?
18 मार्च 1999 को वर्तमान अरवल जिले (तत्कालीन जहानाबाद) के करपी थाना क्षेत्र के सेनारी गांव में भूमिहार जाति के 34 लोगों की हत्या कर दी गई थी. 34 लोगों को काट दिया गया था. भेड़ बकरियों की तरह नौजवानों के गर्दन धारदार हथियार से काटे गए थे. 90 के दशक में बिहार जातीय संघर्ष से जूझ रहा था. सवर्ण एवं दलित जातियों में खूनी जंग चल रही थी. दोनों समुदाय के लोग जमीन-जायदाद को लेकर एक दूसरे की जान के दुश्मन बने हुए थे. इसमें से एक को रणवीर सेना नाम के संगठन व दूसरे को माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) का साथ मिला हुआ था. इस घटना में मरने वाला भूमिहार जाति के थे जबकि मारने वाले एमसीसी के थे.


इसके पहले एक दिसंबर 1997 को जहानाबाद के ही लक्ष्मणपुर बाथे के शंकर बिगहा गांव में 58 लोगों को मार दिया गया था. 10 फरवरी 1998 को नारायणपुर गांव में 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसका आरोप सवर्ण जाति भूमिहार पर लगा. 1999 के सेनारी नरसंहार को 1997 में हुए लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार व नारायणपुर गांव में हुए सामूहिक हत्या का बदला माना जाता है जिसमें रणवीर सेना के द्वारा 58 दलितों की हत्या की गई थी.


यह भी पढ़ें- Bihar News: बोचहां सीट पर BJP ने क्यों उतारा कैंडिडेट? पार्टी ने बताई वजह, मुकेश सहनी के बारे में बड़ा बयान देकर खोला पोल