नालंदा: राजगीर अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल है लेकिन यहां की रेल पुलिस के कारनामे की एक अमानवीय तस्वीर सामने आई है. एक अज्ञात शव को रेल पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के लिए ई-रिक्शा पर ही भेज दिया. पूरा मामला बीते सोमवार (10 जुलाई) का है. ई-रिक्शा पर शव को 25 किलोमीटर दूर बिहार शरीफ सदर अस्पताल भेजा गया. न तो एंबुलेंस मुहैया कराई गई और न ही शव वाहन मिला. वीडियो देखकर आपके मन में यही सवाल आएगा कि ये कैसा सिस्टम है?


सबसे बड़ी बात यह है कि सदर अस्पताल से पोस्टमार्टम कराने के बाद राजगीर ले जाने के दौरान ई-रिक्शा पर शव को ऐसे रखा गया था कि वह रास्ते भर कहीं पोल या किसी अन्य चीज से टकराता रहा. शव के सिर की तरफ और पैर की तरफ वाला हिस्सा ई-रिक्शा के बाहर लटका हुआ था. 



ट्रेन की चपेट में आने से हुई मौत


बताया गया कि सोमवार को राजगीर रेल थाना अंतर्गत पंडितपुर गांव के पास किसी ट्रेन की चपेट में आने से एक अधेड़ (करीब 40 साल) की मौत हो गई थी. शव की पहचान नहीं होने पर रेल पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. ई-रिक्शा के चालक ने बताया कि उसे कहा गया कि बिहारशरीफ सदर अस्पताल लेकर चले जाओ तो वह आ गया. इस दौरान ई-रिक्शा पर सवार एक जवान को इस बात का एहसास नहीं हुआ कि इस तरह शव को ले जाना अमानवीय है.


जवान ने बताया कि शव को रेल लाइन के किनारे से बरामद किया गया था. पोस्टमार्टम के बाद शव की पहचान के लिए उसे राजगीर स्टेशन के पास रखा जाएगा. रेल थाना पुलिस के जवान आमोद पासवान ने गलती मानी.


कैमरे पर बोलने से बच रहे अधिकारी


इस संबंध में फोन पर रेल थाना प्रभारी रामचंद्र सिंह ने बताया कि शव को ई-रिक्शा पर लाना और ले जाना अमानवीय तरीके से एक अपराध है. किस कारण शव वाहन नहीं मिला या मांग नहीं की गई इसकी जांच होगी. यदि इस तरह की गलती की गई है तो जांच कर कार्रवाई होगी. फिलहाल कोई भी पुलिस अधिकारी कैमरे के सामने बोलने से बच रहा है.


यह भी पढ़ें- Supaul News: सुपौल में कोसी का दिखने लगा कहर, तेज धार से कटाव शुरू, इन इलाकों के 100 से अधिक घर चपेट में आए