पटनाः बीते बुधवार को वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) के तीनों विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इस बीच एक तस्वीर सामने आई है जो मुकेश सहनी के सरकारी बंगले की है. तस्वीर में गेट पर लगा बोर्ड हटा लिया गया है और रंग-रोगन का काम हो रहा है. इस बीच सोशल मीडिया पर ऐसी भी खबरें आईं कि अब वे सरकारी बंगले को खाली करने वाले हैं. आप भी तस्वीर देखकर अगर यही सोच रहे हैं तो जरा ठहरिए. जानिए आखिर क्या है इस तस्वीर के पीछे की और बंगले की पूरी कहानी.


यह तस्वीर स्ट्रैंड रोड स्थित छह नंबर के सरकारी बंगले की है. तस्वीर भी सही है लेकिन सबसे पहले जान लीजिए कि मुकेश सहनी ने यह खाली नहीं किया है. वे इसी आवास में अभी हैं. दरअसल, मुकेश सहनी के आवास का रिनोवेशन चल रहा है. ना ही खाली हुआ है और ना ही नेम प्लेट हटा है. ऐसे में तस्वीर सामने आने के बाद कई तरह की अफवाहें भी फैल रही हैं. 






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छह नंबर बंगले की अजब है कहानी
हालांकि इस छह नंबर के बंगले की कहानी भी अजीब है. दरअसल, मंत्री मुकेश सहनी फिलहाल जिस छह नंबर के सरकारी बंगले में रह रहे हैं, उसमें रहने वाले मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पा रहे हैं. कम से कम पिछले तीन मंत्रियों को लेकर तो यह बात एक सौ फीसद सही नजर आ रही है. इस बंगले का आवंटन वर्ष 2010 जेडीयू नेता और उत्पाद विभाग के मंत्री अवधेश कुशवाहा को किया गया था, लेकिन कार्यकाल पूरा करने से पहले ही रिश्वतखोरी के एक मामले में वे फंस गए. 


कुशवाहा को कार्यकाल के पहले ही इस्तीफा देना पड़ गया, जिससे उनका सरकारी बंगला भी छिन गया. बिहार में वर्ष 2015 में आरजेडी और जेडीयू की सरकार बनी तब यह सरकारी बंगला सहकारिता मंत्री बने आलोक मेहता के हिस्से में आया. उन्हें इस बंगले में रहते हुए करीब डेढ़ साल ही गुजरे थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया और फिर भाजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया. इस कारण आलोक मेहता को मंत्री पद गंवानी पड़ी, जिससे वे बंगला में रहते अपने कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. मंत्री मंजू वर्मा भी इस आवास में रहीं लेकिन उन्होंने भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया. 


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