पटना: बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर विपक्ष लगातार बिहार सरकार को इसकी विफलता गिनवाती रहती. इधर बिहार सरकार है कि इसे पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. मंगलवार को नीतीश कैबिनेट ने 31 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगाई है जिसमें बिहार के सभी जिलों में शराब धंधेबाजों को ये काम छोड़ने के लिए बंपर स्कीम निकाली गई है. बिहार सरकार पूरे सूबे में ऐसे परिवारों को एक लाख रुपये देगी जो कि शराब और ताड़ी बनाने का कार्य करते हैं. पूरे राज्य के गरिब और पिछड़े लोग जो इस कार्य में लिप्त हैं सरकार उनकी मदद करेगी और आजीविका के लिए एक लाख रुपये देगी जिससे कि वह दूसरा कार्य शुरू कर सकें.


एक लाख की सहायता राशि देने की बात


बिहार सरकार उन परिवारों को एक लाख की सहायता देगी जो अपना जीवन यापन करने के लिए शराब बिक्री और उत्पादन का सहारा लेते हैं. सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत सरकार देसी शराब के उत्पादन और बिक्री व्यवसायी से जुड़े अनुसूचित जनजाति तथा अन्य समुदाय के पिछड़े और निर्धन परिवार के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने इस स्कीम को जीवीका के माध्यम से राज्यभर में लागू कर दिया है. इससे होगा कि सूबे में शराब की बिक्री भी बंद हो जाएगी और इस कार्य में लगे कई सारे परिवारों को भी राशि की सहायता प्राप्त होगी जिससे वो दूसरा कार्य कर सकेंगे. ऐसे में बिहार में शराब पीने और खरीदने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आएगी. सतत जीविकोपार्जन योजना से पूरे सूबे के पिछड़े और गरीब परिवारों को जोड़ने के लिए ये कदम उठाया गया है.




शराबबंदी को पूरी तरह सफल बनाने पर बिहार सरकार का जोर


हालांकि देखा जाए तो बिहार में शराबबंदी होने के बाद भी शराब के बिकने और बनने का धंधा सरेआम होता है. कई बार तो जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत तक हो जाती. बिहार में शराबबंदी के फेल होने पर सरकार विपक्ष के द्वारा भी कई सवालों से घिरी रहती है. बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने का ये एक और प्रयास है. इसके अलावा कैबिनेट ने कुल 31 एजेंडों पर मुहर लगाई है.


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