पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), सांसद मीसा भारती (Misa Bharti) समेत छह नेताओं के खिलाफ पटना के एक कोर्ट द्वारा एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी होने के बाद सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है. सत्ता पक्ष के नेता तेजस्वी और लालू परिवार पर हमला बोल रहे हैं. इसी क्रम में बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू (Neeraj Kumar Bablu) ने कहा, " ये लोग जाली लोग हैं और जाली लोगों का पर्दाफाश पूरी तरह हो चुका है. सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है. इन्हें तो अब जेल जाना ही चाहिए."


पैसों के बिना नहीं देते टिकट


उन्होंने कहा, " यही हरकत इनकी शुरू से रही है. बिना पैसे के किसी को टिकट नहीं देते हैं. अगर पैसे नहीं मिलते हैं, तो वहां कहते हैं कि जमीन लिख दो. कई हमारे जानने वाले हैं, जिन्होंने इन्हें जमीन लिखा है. ये इनका पुराना धंधा है, आज जिसका पर्दाफाश हो गया है. अब इन्हें जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता."


लोकलाज की बुनियाद पर चलता है लोकतंत्र 


वहीं, जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने कहा, " महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस के नेता ने लालू प्रसाद यादव के बेटे, बेटी और कांग्रेस के नेताओं पर पैसे लेने का आरोप लगाया है. ये निश्चित रूप से गंभीर विषय है. लोकतंत्र लोकलाज की बुनियाद पर चलता है, लेकिन आरजेडी का मूल चरित्र पहले भी संपत्ति सृजन का रहा है. इनके लिए लोकलाज महत्वपूर्ण नहीं है. उनके लिए महत्वपूर्ण है लक्ष्मीदान और भूदान."


आरजेडी ने आरोपों को बताया गलत


इधर, सभी आरोपों को नकारते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने कहा कि कुछ विक्षिप्त मानसिकता वाले लोग सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह का काम करते हैं. ये वही लोग हैं जो खुद को होर्डिंग बैनर लगाकर प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बताते हैं. इनके आरोप पर न्यायालय ने कैसे संज्ञान लिया, ये तो वो ही समझे. लेकिन ये सबको पता है कि ये जो आरोप लगाए गए हैं वो बकवास हैं , बेबुनियाद हैं.


उन्होंने कहा, " ये छपास रोग से पीड़ित लोग हैं , जो सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसा काम कर रहे हैं. आरोपों में कितना दम है, इसकी जांच न्यायालय को करनी चाहिए. उन्हें आरोप लगाने वाले की हैसियत भी देखनी चाहिए कि वो पांच करोड़ देने के योग्य हैं या नहीं. बिना सबूत के आरोप लगाने पर संज्ञान लेना सही नहीं है. कानूनी तौर पर इसका जवाब दिया जाएगा. आरोप सर्वथा गलत है."


क्या है पूरा मामला?


मालूम हो कि आरजेडी (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), मीसा भारती सहित छह लोगों के खिलाफ कोर्ट ने प्राथिमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. पटना सिविल कोर्ट में दायर परिवाद पत्र मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने यह आदेश दिया है. इस मामले में एफआईआर (FIR) करने के लिए परिवाद पत्र को कोतवाली थाने भेजा गया है. मामला लोकसभा चुनाव में टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये ठगने का है. तेजस्वी यादव पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप है.


बताया जाता है कि कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने पटना के सीजेएम (CJM) की अदालत में पिछले महीने 18 अगस्त को एक परिवाद पत्र दायर किया था. उसमें संजीव कुमार सिंह ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्यसभा सदस्य मीसा भारती और बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा समेत छह लोगों पर आरोप लगाया है. इसके बाद 16 सितंबर को पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा के जरिए कोतवाली थानाध्यक्ष को केस दर्ज करने का आदेश दिया गया.



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