मुजफ्फरपुरः 23 लाख 82 हजार रुपये का चेक लौटाए जाने की खबर के बाद चर्चा में आए सहायक प्रोफेसर ललन कुमार ने अब यू टर्न ले लिया है. उन्होंने शुरू में छात्रों के नहीं आने और क्लास नहीं ले पाने का हवाला देते हुए चेक वापस तो कर दिया लेकिन अब वो माफी मांग रहे हैं. उन्होंने सारा बयान वापस लिया है. उन्होंने इस संबंध में पत्र जारी किया है और पूरी बात लिखी है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि वो दुखी थे. निर्णय लेने की स्थिति में नहीं थे.


पत्र में ललन कुमार ने लिखा है- "निवेदन पूर्वक यह कहना है कि अपने स्थानांतरण के लिए मैंने 6 बार आवेदन दिया था लेकिन अब तक उस पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई थी इसलिए मैं बहुत दुखी था. मैं कुछ निर्णय करने की स्थिति में अपने को नहीं पा रहा था. मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाया और भावावेश में मैंने आवेदन के साथ अपने वेतन की पूरी राशि का चेक प्रस्तुत किया."



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ललन कुमार ने पत्र में आगे लिखा है- "चेक प्रस्तुत करने के बाद वरिष्ठ लोगों और सहकर्मियों से चर्चा करने के बाद मुझे यह बात समझ आई कि ऐसा नहीं करना चाहिए था. महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की व्यवस्थाओं के अनुरूप ही आचरण अपेक्षित है. मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा कि भविष्य में कोई भी भावावेश पूर्ण कदम न उठाया जाए. इस संदर्भ में जो भी लिखित अथवा मौखिक वक्तव्य मेरे द्वारा जारी किए गए हैं उन सबको मैं सहर्ष वापस लेता हूं."


ललन कुमार ने बंद किया फोन


बता दें कि इस मामले के बाद सहायक प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार का लगातार फोन बंद आ रहा है. कई बार संपर्क करने की कोशिश भी की गई है लेकिन बात नहीं हो सकी है. वो कॉलेज भी नहीं आ रहे हैं. इधर, मामला पलट जाने के बाद सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है.


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