पटना: फर्जी दस्तावेजों के जरिये बिहार सरकार (Government of Bihar) से अनुदान राशि प्राप्त करने वाले मदरसों से जुड़ी याचिका पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में मंगलवार को सुनवाई शुरू हुई. इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट ने बिहार के कुल 2459 मदरसों (Madarasa) की जांच करने का आदेश दिया है. पटना हाईकोर्ट ने बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को यह आदेश दिया है. साथ ही 14 फरवरी तक रिपोर्ट देने को भी कहा है. अब 14 फरवरी को इस मामले में अगली सुनवाई होगी.


609 मदरसों की अनुदान राशि पर रोक


पटना हाई कोर्ट ने जांच पूरी होने तक 609 मदरसों को अनुदान राशि देने पर रोक लगा दी है. बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने पटना हाईकोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर बताया कि 609 मदरसों जिन्होंने सरकारी अनुदान प्राप्त किया है उन सभी की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. बता दें कि तय समय पर जांच रिपोर्ट विभाग को नहीं भेजी गई. इसके बाद सभी जिले के डीएम को पत्र लिखा गया है. इस मामले में सिर्फ सीतामढ़ी से ही सिर्फ रिपोर्ट आई है.


हाईकोर्ट ने लगाया फटकार


पटना हाईकोर्ट ने दूसरे जिलों से रिपोर्ट नहीं आने पर नाराजगी जताते हुए बिहार के कुल 2459 मदरसों की जांच करने का आदेश दिया है. सीतामढ़ी के मो. अलाउद्दीन बिस्मिल ने याचिका दायर की थी. बिहार के मदरसों में सरकारी अनुदान को लेकर लूट का आरोप लगाया था. याचिका दायर करने वाले मो. अलाउद्दीन बिस्मिल के वकील राशिद इजहार का कहना है कि फर्जी कागजात के आधार पर मदरसों को मोटी रकम अनुदान राशि के रूप में दी जा रही है.
 
सीतामढ़ी में 88 मदरसों में फर्जीवाड़ा


मो. अलाउद्दीन बिस्मिल के वकील राशिद इजहार ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मोहम्मद तस्नीमुर रहमान ने सरकारी अनुदान लेने वाले सीतामढ़ी के मदरसों की जांच रिपोर्ट दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी कागजात पर जिले में करीब 88 मदरसों ने सरकारी अनुदान ली है.


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