पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि पीएमसीएच सबसे पुराना अस्पताल है. जब उन्हें काम करने का मौका मिला तो उन्होंने पीएमसीएच के बारे में निर्णय लिया कि इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर का मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाया जाएगा. चार वर्ष में तीन फेज में इसका निर्माण कार्य पूर्ण होगा. यह 5400 से अधिक बेड का अस्पताल होगा. जब यह बनकर तैयार हो जाएगा तो ऐसा मेडिकल कॉलेज दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा. वहीं एनएमसीएच भी 2500 बेड का अस्पताल होगा. भागलपुर, मुजफ्फरपुर और गया के मेडिकल कॉलेज भी 2500 बेडों का अस्पताल होगा.
नीतीश कुमार ने कहा कि जब वे इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे उस समय लोग नेपाल और अन्य राज्यों से इलाज कराने आते थे. उन्होंने कहा- “बिहार के दूसरे एम्स को हमने दरभंगा में बनाने का सुझाव दिया था. पहला मेडिकल कॉलेज पटना में बना था तो दूसरा दरभंगा में बना था, इसलिए मेरे मन में था कि दरभंगा में ही दूसरे एम्स का निर्माण कराया जाए. दरभंगा एम्स के लिए हमलोगों ने जमीन उपलब्ध करा दी है. राज्य के बजट का सबसे अधिक खर्च स्वास्थ्य और शिक्षा पर किया जा रहा है. बिहार क्षेत्रफल में देश में 12वें स्थान पर है तथा आबादी में तीसरे स्थान पर है. एक स्क्वॉयर किमी में जितनी आबादी बिहार में है उतनी कही नहीं है.”
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नहीं बढ़ा मुख्य सचिव का कार्यकाल
बता दें कि मंगलवार को कुल 13 एजेंडों पर मुहर लगी है. वहीं, मुख्य सचिव के कार्यकाल में वृद्धि संबंधित एक अन्य एजेंडे पर भी मुहर लगी है. कैबिनेट बैठक के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि नए साल में बिहार को नया मुख्य सचिव मिलेगा क्योंकि मौजूदा मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण के कार्यकाल में वृद्धि को स्वीकृति नहीं दी गई है. त्रिपुरारी शरण 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इससे पहले दो बार उनका सेवा विस्तार हो चुका है.
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