पटना: एडीजे अविनाश कुमार (ADJ Avinash Kumar) की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में पटना हाईकोर्ट में 29 नवंबर को सुनवाई होनी है. इस बाबत कोर्ट ने मुख्य सचिव समेत चार अधिकारियों को नोटिस भेजा है और सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा है. इधर, इस मामले में पुलिस का पक्ष भी सामने आया है. बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने इस मामले में दोनों पुलिसकर्मियों जिस पर जज अविनाश कुमार के साथ मारपीट करने का आरोप है का पक्ष रखा है.
पहले एडीजे ने की मारपीट और गाली-गलौज
उन्होंने कहा, " मुझे जो जानकारी मिली है उसके अनुसार, लोक अदालत में पक्षकारों को नहीं उपस्थित करने को लेकर झंझारपुर कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार द्वारा थानाध्यक्ष और एक अन्य पुलिसकर्मी को उपस्थित होने का आदेश दिया गया था. इस पर थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण 2009 बैच एएसआई अभिमन्यु कुमार के साथ उपस्थित हुए थे. लेकिन जज अविनाश ने दोनों पदाधिकारियों के साथ गाली-गलौज किया. इसका दोनों कर्मियों द्वारा विरोध किया गया."
बीपीए अध्यक्ष के अनुसार, " विरोध करने पर जज ने थानाध्यक्ष पर हाथ चला दिया, जिस पर थानाध्यक्ष ने भी उनके साथ बचाव में हाथापाई की. हल्ला सुनकर कई वकील जमा हो गए और दोनों पुलिसकर्मी के साथ मारपीट कर, उन्हें वहीं जज के चेंबर में बंद कर दिया. यह घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलील दे रहे हैं. ऐसे में पूरे मामले की हाईकोर्ट के वर्तमान जज या सरकार के वरीय अधिकारी की जांच टीम बनाकर जांच उपरांत जो भी दोषी हो उन पर कार्रवाई करनी चाहिए."
निष्पक्ष जांच के बाद हो कार्रवाई
उन्होंने कहा, " किसी भी सामान्य परिस्थिति में कोई पुलिसकर्मी जज के चेंबर में गाली नहीं दे सकता है या पिस्टल नहीं निकाल सकता है. ऐसे में पुलिस पर बिना पूरे मामले के निष्पक्ष जांच के कार्रवाई करना क़ानून और न्याय के साथ नाइंसाफी है. असोसिएशन ऐसी घटना की निंदा करता है."
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