Bihar News: सरकारी अस्पताल में इलाज के अभाव में गर्भवती की मौत, सड़क पर उतरा नाराज परिवार
सिविल सर्जन योगेंद्र महतो ने कहा, " मुझे इसकी जानकारी नहीं है. महिला की मौत अस्पताल में हुई या रास्ते में, इसकी जांच की जाएगी. स्वास्थ्यकर्मी दोषी पाये गये तो कार्रवाई होगी."
गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार की रात इलाज के अभाव में गर्भवती की मौत हो गई. मौत से गुस्साए परिजनों ने गुरुवार की सुबह सड़क जाम कर हंगामा किया. मृतका विशंभर पुर थाने के बलिवन रायमल गांव निवासी ओमप्रकाश मुशहर की 35 वर्षीय पत्नी ललिता देवी बताई जाती है. परिजनों का आरोप है कि प्रसव पीड़ा होने पर बुधवार की रात वे प्रसूता कुचायकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर गए, जहां डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं थे.
महिला का इलाज नहीं होने पर परिजन हंगामा करने लगे, जिसके बाद अस्पताल के सुरक्षा गार्ड ने परिजनों को मारपीट कर भगा दिया. इसके बाद परिजन प्रसूता को लेकर सदर अस्पताल के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई. जच्चा-बच्चा की मौत होने पर परिजनों ने गुरुवार को विशंभर पुर थाने के बलिवन-रायमल में सड़क जाम कर हंगामा शुरू कर दिया.
महिला के शव का प्रशासन की ओर से पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया, जिससे आक्रोशित होकर परिजनों ने सड़क जाम कर चार घंटे तक हंगामा किया. दोपहर बाद गांव के प्रबुद्ध लोगों की पहल पर शव को दाह संस्कार के लिए भेजा गया.
अफसरों के नहीं पहुंचने पर आक्रोश
महिला की मौत के बाद शिकायत करने पर भी कुचायकोट के अधिकारी नहीं पहुंचे, जिससे आक्रोशित होकर परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया. वहीं, पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. करीब चार घंटे तक हंगामा-प्रदर्शन करने का सिलसिला चलता रहा.
पीड़ितों को नहीं मिली 102 एंबुलेंस
परिजनों ने कहा कि रात में अस्पताल लेकर जाने के लिए कोई साधन नहीं था. सरकारी एंबुलेंस 102 पर कई बार डायल किया गया, लेकिन एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली. निजी गाड़ी से प्रसूता को कुचायकोट स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां इलाज नहीं हुआ और महिला की मौत हो गई. समय पर एंबुलेंस मिल जाती और इलाज होता तो महिला की जान बचाई जा सकती थी.
इधर, इस पूरे मामले पर सिविल सर्जन योगेंद्र महतो ने कहा, " मुझे इसकी जानकारी नहीं है. महिला की मौत अस्पताल में हुई या रास्ते में, इसकी जांच की जाएगी. स्वास्थ्यकर्मी दोषी पाये गये तो कार्रवाई होगी."
यह भी पढ़ें -
Bihar Flood: बाया नदी में डूबी पशुओं के चारे से भरी नाव, SDRF की तत्परता से बची लोगों की जान