पटनाः राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ के गोनपुरा गांव का रहने वाला प्रेम अब अमेरिका जाकर पढ़ेगी. उसे अमेरिका के लाफायेट कॉलेज ने ग्रेजुएशन करने के लिए 2.5 करोड़ की स्कॉलरशिप दी है. प्रेम के माता-पिता कभी स्कूल नहीं गए थे लेकिन अब वो अमेरिका जा कर मां-बाप के साथ-साथ देश का भी नाम रोशन करेगा. 17 वर्षीय प्रेम के पिता जीतन मांझी दिहाड़ी मजदूर हैं. मां कलावती देवी का करीब दस साल पहले देहांत हो गया था.


प्रेम कुमार इस स्कॉलरशिप से चार साल की मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इंटरनेशनल रिलेशनशिप की पढ़ाई करेगा. स्कॉलरशिप पाने वाला पहला महादलित छात्र भी बन गया है. दुनिया भर के छह छात्रों इस स्कॉलरशिप के लिए चुना जाता है जिसमें से एक प्रेम भी है जिसे लाफायेट कॉलेज से 'डायर फेलोशिप' मिलेगी. बता दें कि यह फेलोशिप वैसे चुने हुए छात्रों को प्रदान की जाती है जिसमें दुनिया की कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए आंतरिक प्रेरणा एवं प्रतिबद्धता हो.


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ना अच्छा घर ना कोई सुविधा


प्रेम पांच बहनों में एकलौता भाई है. प्रेम की इस उपलब्धि के बाद एक ओर जहां परिवार में खुशी का माहौल तो वहीं दूसरी ओर उसे बधाई भी मिल रही है. सबसे बड़ी बात है कि इस उपलब्धि के पीछे प्रेम का लगन और जुनून ही है जिससे उसने इस मुकाम को हासिल किया है. प्रेम के पास किसी तरह की सुविधा नहीं है. यहां तक कि उसका घर झोपड़ी के जैसा है. अब प्रेम इस झोपड़ी से निकलकर अमेरिका के एक बड़े कॉलेज में पढ़ाई करेगा.


लकवा मारने से मां की मृत्यु


बताया जाता है कि प्रेम कुमार के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं. माता कलावती देवी जमीन पर सोने से लकवा मार गया. 10 साल पहले उसकी मां की मृत्यु हो गई. मां के चले जाने के बाद पिता और बहनों ने ख्याल रखा. आज इस खुशी के पल में आसपास के लोग भी पहुंचकर मिठाई खिला रहे हैं.


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