सहरसा: बिहार के सहरसा जिले के कठडुमर गांव में बीते बुधवार को निर्माणाधीन आरसीसी पुल की ढलाई की गई थी, जो एक दिन बाद गुरुवार को ही ध्वस्त हो गया. इस घटना में तीन मजदूर दबकर घायल हो गए, जिन्हें ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वहीं, इस मामले में अब विभागीय जांच भी शुरू हो चुकी है. इधर, घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन से इंजीनियर और ठेकेदार पर अविलंब कार्रवाई की मांग की है.
बता दें कि यह पुल सिमरी-बख्तितरपुर प्रखंड के कोसी तटबंध के अंदर कठडुमर और दह के बीच महिंद्रा कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाया जा रहा है. यह कार्य ग्रामीण विभाग प्रमंडल सिमरी-बख्तितरपुर के अधीन हो रहा है. करीब एक करोड़ 48 लाख रुपये की लागत से आरसीसी पुल और पहुंच पथ का निर्माण होना है. वहीं, घटना के बाद ग्रामीणों ने बताया कि निर्माणाधीन पुल की जो प्राक्कलन राशि थी उसके अनुरूप पुल का निर्माण कार्य नहीं हो रहा था और घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा था. निर्माणाधीन पुल के कार्य को देखने इंजीनियर कभी नहीं आते थे. घटिया सामग्री के वजह से ही पुल ध्वस्त हुआ है. हमलोग ठेकेदार को बार-बार कह रहे थे, लेकिन हमारी बात को अनसुना कर वो घटिया सामग्री का इस्तेमाल करते रहा, जिसके कारण यह हादसा हुआ है.
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पहले से ही थी पुल टूटने की आशंका
ग्रामीणों ने ये भी बताया कि जिस रोज पुल की ढलाई हो रही थी उस दिन इंजीनियर भी वहां मौजूद नहीं था. हम लोगों को पहले से ही आशंका थी कि यह पुल टूटने वाला है और ढलाई के एक दिन बाद ही पुल ध्वस्त हो गया और तीन मजदूर भी दब गए. बताया जा रहा है कि जब पुल गिरा तो वहां अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया था. हालांकि, ग्रामीणों की मदद से पुल के मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया. ग्रामीणों ने प्रशासन से इंजीनियर और ठेकेदार पर अविलंब कार्रवाई की मांग की है.
पहले वाले सेंट्रिंग पर कर दी गई ढलाई
वहीं, ग्रामीण कार्य प्रमंडल सिमरी-बख्तितरपुर के इंजीनियर संग्राम हेम्ब्रम ने बताया कि यह पुल 35 मीटर लंबा बनना है. इस पुल के लिए 100 मीटर लंबा पहुंच पथ भी बनेगा. उन्होंने ये भी कहा कि यह कार्य खगड़िया जिले के शिववा चौथम के रहने वाले ठीकेदार महेंद्र कुमार को आवंटित किया गया था. सेंट्रिंग निरीक्षण के दौरान उन्होंने फिर से ठेकेदार को सेंट्रिंग करने के लिए कहा था, लेकिन वो पहले वाले सेंट्रिंग को नहीं बदला और उसी पर से ढलाई कर दिया, जिसके कारण पुल ध्वस्त हो गया. फिलहाल इसकी जांच की जा रही है.
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