Tejashwi Yadav Statement: 'कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम मेरा शुरू हो गया है. कार्यकर्ताओं से सीधा हम बात कर रहे हैं. उनकी बातों को सुन रहे हैं. उनसे सलाह ले रहे हैं, क्योंकि कार्यकर्ता पार्टी के बैक बोन होते हैं'. ये बातें आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आज मंगलवार को अपनी यात्रा के दौरान कही है. उन्होंने कहा कि हर लेवल पर जनता के लिए पार्टी के लिए वही लड़ते हैं. कार्यक्रम के जरिए संगठन के और मजबूत, संगठन का और विस्तार पर भी चर्चा हो रही है.


विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज 


तेजस्वी यादव ने कहा कार्यकर्ताओं और जनता के बीच में हम रहेंगे तो अगले विधानसभा चुनाव के नतीजे हमारे पक्ष में होंगे. कार्यक्रम में हरा गमछा की जगह हरी टोपी, बैच को तरजीह देने को कहा गया है. जबकि हरा गमछा आरजेडी नेताओं की आन बान शान रहा है. हरे गमछा पर तेजस्वी ने कहा कि जिसका जैसा नजरिया है, उस नजरिये से लोग देखते हैं. होर्डिंग बैनर पोस्टर लगाने को भी मना किया गया है. पार्टी झंडा लगाने के लिए भी मना किया गया है. भीड़ नहीं जुटानी है. कार्यक्रम को लेकर कई तरह के गाइडलाइंस हैं.


उन्होंने कहा कि बार-बार नीतीश कुमार बीजेपी को क्यों विश्वास दिलाते रहते हैं कि अब आरजेडी के साथ नहीं जाएंगे. इससे बीजेपी की बेचैनी बढ़ जाती है. हम लोगों के साथ थे तो कहते थे मर जाएंगे मिट्टी में मिल जाएंगे बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. नीतीश की विश्वसनीयता खत्म हो गई है. वैसे व्यक्तिगत तौर पर हम उनका सम्मान करते हैं. लेकिन आरजेडी के दरवाजे उनके लिए बंद हैं. नीतीश हमारे घर आकर विधायकों के सामने हमारी मां के सामने हाथ पांव जोड़ रहे थे कि अब कहीं नहीं जाएंगे. इसकी विडियो रिकॉर्डिंग मेरे पास है.


तेजस्वी यादव अपराध को लेकर भी निशाना साधा. कहा कि एक के बाद एक बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं. सीएम नीतीश का इकबाल खत्म हो गया है. वह अब इस लायक नहीं हैं कि बिहार संभाल सकें. कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है. अपराधी बेलगाम हैं और उनको सत्ता का संरक्षण मिल रहा है. भ्रष्टाचारियों को भी सरकार का समर्थन है. पुल पुलिया गिर रहे है. 2020 में हमने सरकार लगभग बना ही ली थी, लेकिन बेईमानी कर ली गई. इस बार हमारी सरकार बनेगी. जनता गरीबों की सरकार बनवाएगी. 


'यह लोग आरक्षण और संविधान विरोधी हैं'


आरक्षण के मुद्दे पर तेजस्वी ने कहा कि बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ा था. नीतीश कुमार बढ़े हुए आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में केंद्र सरकार से नहीं डलवा पाए. यह लोग आरक्षण और संविधान विरोधी हैं. यह लोग नहीं चाहते हैं कि दबे कुचले गरीब पिछड़े अतिपिछड़े दलित समाज के लोग मुख्यधारा में आएं.


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