रोहतासः दनवार पंचायत के सरैया गांव के रहने वाले सीआरपीएफ के कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार सिंह ओडिशा (CRPF Constable Dharmendra Kumar Singh Martyred) में नक्सलियों के साथ लड़ते हुए शहीद हो गए. मंगलवार को सूचना मिलते ही गांव में मातम पसर गया. परिजनों में चीख पुकार मच गई. शहीद जवान की पत्नी ने कहा कि मंगलवार सुबह करीब 9 बजे ही उसकी बात हुई थी. धर्मेंद्र ने कहा था कि वो ड्यूटी पर जा रहे हैं. वहां नेटवर्क नहीं रहता है. लौटकर आने पर बात होगी. शाम करीब चार बजे पता चला कि वो अब नहीं रहे.


शहीद जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह की साल 2011 में भर्ती हुई थी. उनके पिता रामायण सिंह किसान हैं. धर्मेंद्र की पहली पोस्टिंग मोकामा में हुई थी. इसके बाद वे ओडिशा चले गए. मंगलवार को नऊपड़ा जिला के पथधारा क्षेत्र में नक्सलियों से लोहा लेते हुए वो शहीद हो गए. सूचना मिलने के बाद शहीद जवान के घर गांव के लोगों की भीड़ जुट गई. मातमी सन्नाटा पसर गया.


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सूचना मिलने के बाद बदहवास हुई पत्नी


बताया जाता है कि शहीद जवान घर का बड़ा बेटा था. घर पर एक छोटे भाई, माता-पिता के अलावा पत्नी आशा देवी रहती है. दो बच्चे हैं. 12 साल का एक बेटा और एक 10 साल की बेटी है. घटना के बाद से पत्नी बदहवास है. वहीं बच्चे अपने पिता के शहीद होने से मर्माहत हैं.


शहीद जवान धर्मेंद्र की शादी 2005 में भोजपुर जिले के पीरो थाना अंतर्गत रजमल डीह गांव में हुई थी. पत्नी ने कहा कि शाम चार बजे धर्मेंद्र के किसी दोस्त ने घटना की जानकारी दी थी. इसके बाद सीआरपीएफ के अधिकारियों ने देर रात फोन पर इसकी सूचना दी.


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