Bihar News: सीवान सदर अस्पताल में मरीज की मौत पर परिजनों ने की तोड़-फोड़, जान बचा कर भागे डॉक्टर
Blame On Doctor : मो. वसीम की मौत के बाद उनकी पत्नी व बेटी का रो-रो कर बुरा हाल था. उनलोगों का डॉक्टर पर आरोप था कि जब हमलोग पहुंचे तो उनका सही ढंग से इलाज नहीं किया गया. सभी डॉक्टर गायब हो गए.
सीवान: सोमवार की देर रात सीवान सदर अस्पताल में एक मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद उसके परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड में तोड़-फोड़ शुरू कर दी. इस दौरान वहां मौजूद डॉक्टरों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई. बता दें कि नगर थाना इलाके के आनंद नगर मुहल्ले के रहने वाले 55 साल के मो. वसीम के घर में ही गिर जाने से बेहोश हो गए थे. इसके बाद परिजनों ने उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज के दौरान मो. वसीम की हालात बिगड़ती देख परिजनों ने बवाल शुरू कर दिया. इसी बीच उनकी मौत हो गई.
बवाल देख इमरजेंसी वार्ड से भागे डॉक्टर
जिस वक्त सदर अस्पताल में मरीज की मौत पर बवाल हुआ, डॉक्टर मुकेश कुमार रंजन ड्यूटी पर थे. डॉक्टर मुकेश रंजन का कहना है कि हमलोग कभी नहीं चाहते कि किसी मरीज की जान जाए लेकिन परिजन हम ही लोगों पर टूट पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि वह दूसरे कमरे में जाकर छिप गए थे. उन्होंने बताया कि बवाल के दौरन लगभग एक घंटे तक इमरजेंसी वार्ड खाली रहा. मरीज भी इधर-उधर भटक रहे थे.
परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप
मो. वसीम की मौत के बाद उनकी पत्नी व बेटी का रो-रो कर बुरा हाल था. उनलोगों का सीधे-सीधे डॉक्टर पर ही आरोप था कि जब हमलोग मरीज को लेकर पहुंचे तो उनका सही ढंग से इलाज नहीं किया गया. सभी डॉक्टर गायब हो गए. इस कारण मेरे मरीज की मौत हो गई. जानकारी हो कि मो. वसीम की एक बेटी और एक बेटा हैं. बेटा दिल्ली में रह कर पढ़ाई करता है. पिता की मौत की सूचना उसे दे दी गई है.
दौड़े-दौड़े पहुंचे नगर थानाध्यक्ष
सदर अस्पताल में तोड़-फोड़ की जानकारी मिलते ही नगर थानाध्यक्ष जयप्रकाश पंडित पूरे दल-बल के साथ वहां पहुंचे. उन्होंने किसी तरह परिजनों को समझाकर मामले को शांत कराया. चिकित्सक कक्ष में छुपे डॉक्टर मुकेश रंजन को भी इमरजेंसी वार्ड में सुरक्षा के बीच लाया. थानाध्यक्ष ने परिजनों को समझाकर शव उनके हवाले कर दिया.