पटनाः कैंसर (Cancer) जैसी खतरनाक बीमार को लेकर बिहार में जांच अभियान चलाया जा रहा है. राज्य स्वास्थ्य समिति (State Health Committee) के कार्यक्रम पदाधिकारी के अनुसार प्रदेश के 16 जिलों में जोरशोर से निश्शुल्क कैंसर स्क्रीनिंग पर जोर दिया जा रहा है. ऐसी खतरनाक बीमारी की रोकथाम के लिए 26 लाख 96 हजार 126 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई है जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इतने टेस्ट में 79 हजार 71 लोगों में कैंसर के प्रारंभिक लक्षण मिले हैं. 


रेफर किए गए हैं संदिग्ध मरीज
दरअसल, बिहार स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) के निर्देश पर यह जांच की जा रही है. मुंह के कैंसर के 16,32,254 , स्तन कैंसर के 7,44,955 और गर्भाशय के मुंह के कैंसर के 3,44,447 नमूनों की जांच की गई है. टेस्ट में 23,462 मुंह के कैंसर के अलावा स्तन कैंसर के 15,285 और 40,324 गर्भाशय के मुंह के कैंसर के संदिग्ध मरीजों को रेफर किया गया है. 


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आम लोगों को किया जा रहा है जागरूक
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि कैंसर की रोकथाम को लेकर एनपीसीडीसीएस (नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर एंड स्टॉक) के द्वारा जागरूक किया जा रहा है. कैंसर के मरीजों की पहचान के लिए आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है. यह कार्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में हो रहा है. घर-घर जाकर आशा कार्यकर्ता कैंसर के प्रति आम लोगों को जागरूक कर रही हैं. 


क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री?
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि विभिन्न जिलों में कैंसर मरीजों की पहचान की जा रही है. मुजफ्फरपुर में कैंसर के मरीजों के लिए विशेष अस्पताल शुरू हो चुका है. पटना में 138 करोड़ की लागत से आईजीआईएमएस (IGIMS) में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (State Cancer Institute) बनाया गया है. इलाज के लिए पटना व मुजफ्फरपुर में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी.


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