Caste Based Census: तेजस्वी यादव की मोदी सरकार से मांग, कहा- इस मुद्दे पर बिहार से केंद्र को लेनी चाहिए सीख
Tejashwi Yadav Statement: जाति आधारित जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. इसको लेकर तेजस्वी यादव ने बयान दिया है.
पटना: जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को सुनवाई से इनकार कर दिया है. इसे फैसला को नीतीश सरकार (Nitish Kumar) अपनी जीत बता रही है. वहीं, इस फैसला को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शनिवार को कहा कि यह तो बिहार सरकार की जीत है. आगे उन्होंने कहा कि इस फैसला के बाद केंद्र की मोदी सरकार (Narendra Modi) की नींद टूटे और पूरे देश में केंद्र सरकार को जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए. इस पर भारत सरकार को दोबारा सोचनी चाहिए.
आरक्षण के लिए भी यह जरूरी- तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने कहा कि जाति आधारित जनगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता सिर्फ पब्लिसिटी के लिए यह याचिका दायर की है. लोगों के हित में नहीं की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि जब तक सर्वे नहीं होगा फिर कैसे पता चलेगा कि किसको कितना आरक्षण देना है? इसके साथ ही कौन-कौन गरीब है?
'चार से पांच महीनें में कर लिया जाएगा पूरा'
डिप्टी सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का हम लोग स्वागत करते हैं. जाति आधारित जनगणना की मांग शुरू से ही आरजेडी कर रही थी. इससे संबंधित साइंटिफिक डेटा होना जरूरी है. यह सिर्फ जाति आधारित जनगणना नहीं है. इससे लोगों की आर्थिक स्थिति का पता चल सकेगा. बिहार में पहले चरण का काम हो चुका है. इससे बिहार में मकानों की संख्या का पता चला है. इसके बाद दूसरे चरण में पूरा कार्य कर लिया जाएगा. लगभग चार से पांच महीनें में जाति आधारित जनगणना का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. वहीं, इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सबके हित में है. जाति जनगणना तो केंद्र सरकार का काम है हम तो राज्य में कर रहे हैं. एक-एक चीज की जानकारी होगी तो विकास के काम को बढ़ाने में सुविधा होगी.
ये भी पढ़ें: बिहार कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी का गठन, सवर्ण और मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश, लिस्ट देखें