कैमूर: छत्तीसगढ़ के सुकमा में साथी जवान द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग में चार सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई थी. मृतकों में कैमूर निवासी धनजी सिंह भी शामिल हैं. गोली का शिकार होने से पहले धनजी सिंह ने अपने भाई और परिवार के लोगों से बात की थी. वहीं, छठ पूजा की सुबह घर आने की बात कही थी. ऐसे में घर में उनकी पत्नी और भाभी छठ की तैयारी में जुटी हुई थीं.


परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल 


इसी बीच सोमवार के अहले सुबह फोन पर धनजी सिंह की मौत की सूचना ने सब को झकझोर दिया. पूरे घर में चीख-पुकार मच गया. सभी का रो-रोकर बुरा हाल है. धनजी सिंह के दो बच्चे हैं, जो काफी छोटे हैं. ऐसे में परिवार सरकार से उनके बच्चों की परवरिश के लिए पत्नी की नौकरी की मांग कर रहा है. वहीं, उनके पार्थिव शरीर के गांव आने से पहले नुआंव प्रखंड से लगभग 6 किलोमीटर तक लोग पूरे रास्ते में तिरंगा लिए कतार में खड़े दिखे. 


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सेना की गाड़ी के साथ चल रहे ग्रामीण भारत माता की जय का नारा लगाते हुए धनजी सिंह अमर रहे का नारा लगाते रहे. उनके काफिले के साथ 100 से अधिक बाइक, 50 से अधिक फोर व्हीलर चल रहा था. बता दें कि कैमूर जिले के नुआंव प्रखंड  के साओएवती गांव निवासी धनजी सिंह सीआरपीएफ में 2012 में भर्ती हुए थे. वे छत्तीसगढ़ के सुकमा में अपने कैंप में थे, जहानाबाद के साथी जवान रितेश रंजन की ओर से अचानक की गई अंधाधुंध फायरिंग में इनकी मौत हो गई.


मंगलवार की देर रात उनके पार्थिक शरीर को बनारस के हवाई अड्डा से उनके गांव लाया गया. जहां आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.


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